ओडिशा का वन क्षेत्र दो साल में 537.44 वर्ग किलोमीटर बढ़ा |

ओडिशा का वन क्षेत्र दो साल में 537.44 वर्ग किलोमीटर बढ़ा

ओडिशा का वन क्षेत्र दो साल में 537.44 वर्ग किलोमीटर बढ़ा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : January 14, 2022/12:30 pm IST

भुवनेश्वर, 14 जनवरी (भाषा) ओडिशा में हरित क्षेत्र का विस्तार करने के लिए सरकार के संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत विभिन्न पहल के कारण 2019 और 2020 के बीच राज्य के वन क्षेत्र में 537.44 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। द्विवार्षिक सर्वेक्षण से इसकी जानकारी मिली।

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान वन क्षेत्र की वृद्धि के मामले में ओडिशा देश में तीसरे स्थान पर रहा। आंध्र प्रदेश वन क्षेत्र में 647 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि के साथ शीर्ष पर है और तेलंगाना ने 632 वर्ग किलोमीटर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है।

ओडिशा में 2019 और 2020 के बीच वन क्षेत्र में 537.44 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि उससे पिछले दो वर्षों के दौरान 237 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि से अधिक है। भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार वन क्षेत्र 52,155.95 वर्ग किलोमीटर होने का अनुमान है, जो ओडिशा के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 33.50 प्रतिशत है।

पिछले दो वर्षों के दौरान मैंग्रोव वन क्षेत्र में वृद्धि के मामले में ओडिशा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ऊपर है। राज्य के पर्यावरण विभाग ने एक बयान में कहा कि सिमिलिपाल वन, हरित क्षेत्र के मामले में देश के शीर्ष तीन बाघ अभयारण्यों में से एक है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आईएसएफआर), 2021 जारी की। ओडिशा के तेईस जिलों ने वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की है, जबकि सात में हरित क्षेत्र घटा है। गजपति, गंजम, पुरी, कोरापुट, संबलपुर, सोनपुर, खुर्दा और कटक उन जिलों में से हैं जहां वन दायरा बढ़ा है। मलकानगिरि, ढेंकनाल, सुंदरगढ़, रायगढ़ा और क्योंझर जिलों में वन क्षेत्र घटा है।

भाषा सुरभि शाहिद

शाहिद

 

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