अधिकारियों को निष्क्रांत संपत्तियां निजी निकायों को हस्तांतरित करने पर निलंबित किया गया: सूत्र |

अधिकारियों को निष्क्रांत संपत्तियां निजी निकायों को हस्तांतरित करने पर निलंबित किया गया: सूत्र

अधिकारियों को निष्क्रांत संपत्तियां निजी निकायों को हस्तांतरित करने पर निलंबित किया गया: सूत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : June 23, 2022/7:36 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) उप राज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली सरकार के जिन तीन अधिकारियों को एक घोटाले में कथित रूप से शामिल रहने पर निलंबित कर दिया था वे 2015 से 2021 के बीच निष्क्रांत संपत्तियों को निजी निकायों को हस्तांतरित करते थे। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल ने गृह मंत्रालय से इस मामले में एक अतिरिक्त जिलाधिकारी को निलंबित करने की भी सिफारिश की है।

सक्सेना ने 21 जून को तीन अधिकारियों, दो उप संभागीय मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) और मुख्यमंत्री कार्यालय के एक उप सचिव को निलंबित कर दिया था।

सूत्रों ने बताया कि ये सभी अलग-अलग समय पर एसडीएम अलीपुर के रूप में पदस्थ थे उन्होंने कथित तौर पर भारत सरकार के अधीन निष्क्रांत भूमि के स्वामित्व निजी निकायों को हस्तांतरित करने के आदेश दिये।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘चार अधिकारियों ने सरकारी भूमियों के भूमिदारी अधिकारी निजी निकायों को दिये थे जिसमें एक घोटाला हुआ।’’

उन्होंने कहा कि कथित जमीन उत्तर दिल्ली जिले के झंगोला गांव में रिफैत के बेटे करमू की थी जिसे इसके मालिक के पाकिस्तान जाने के बाद निष्क्रांत संपत्ति घोषित कर दिया गया था।

निलंबित अधिकारी हर्षित जैन, प्रकाश चंद ठाकुर और देवेंद्र शर्मा दिल्ली, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह सिविल सेवा (डेनिक्स) के अस्थायी अधिकारी थे।

जैन और शर्मा एसडीएम थे, वहीं ठाकुर मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के रूप में पदस्थ थे।

भाषा वैभव माधव

माधव

 

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