विपक्षी दलों का व्यवहार लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं : सरकार |

विपक्षी दलों का व्यवहार लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं : सरकार

विपक्षी दलों का व्यवहार लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं : सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : July 28, 2021/10:30 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि वह संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष जिस तरह से व्यवहार कर रहा है वह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि देश में कोविड-19 स्थिति पर संसद में चर्चा कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के बाद भी कांग्रेस नेताओं सहित कुछ विपक्षी नेता महामारी पर प्रस्तुति में उपस्थित नहीं हुए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिस तरह से विपक्षी दल संसद में दहशत फैलाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि उनकी आम आदमी से जुड़े मुद्दों में कोई रूचि नहीं है।

ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग में कहा, ‘‘सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यदि विपक्षी सदस्य एक मंत्री के जवाब के समय उनके हाथ से बयान छीन कर फाड़ दें और उन पर पर कागज फेंक दें तथा उसे स्पीकर की ओर भी फेंक दें, तो ऐसे दृश्य भारत के लोकतंत्र के लिए अच्छे नहीं हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘संसद चर्चा करने की जगह है, सरकार चर्चा के लिए तैयार है और प्रधानमंत्री ने भी यह बात कही है। सभी दलों के प्रतिनिधि कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों में शामिल हुए और सभी मुद्दों पर वहां चर्चा हुई। ’’

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा कि सरकार विपक्ष से चर्चा में भाग लेने और संसद में लोगों से जुड़े मुद्दे उठाने का सिर्फ आग्रह कर सकती है।

उन्होंने हैरानगी जताते हुए कहा कि यदि विपक्ष संसद में कोविड-19 पर चर्चा में भाग लेने को इच्छुक नहीं है तो वह इस तरह के सार्वजनिक मुद्दे कहां उठाएगा।

सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंक डिपॉजिटर को समयबद्ध राहत और बीमा मुहैया करने के लिए एक विधेयक लाना चाहती है लेकिन विपक्ष इस तरह के सार्वजनिक मुद्दों में रूचि लेता नहीं दिख रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यदि संसद इस तरीके से चलेगा तो यह स्पष्ट है कि विपक्ष आम आदमी को राहत देने वाले मुद्दों में रूचि नहीं रखता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष इन सबमें रूचि नहीं ले रहा है…इसके बजाय वे बड़े बैनर का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनसे स्पीकर का चेहरा ढंकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें किसी बात की चिंता नहीं है। मुझे दुख के साथ यह कहना पड़ रहा।’’

उल्लेखनीय है कि 19 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र आरंभ होने के बाद से पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)