विपक्षी दलों ने न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को हटाने संबंधी नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा

विपक्षी दलों ने न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को हटाने संबंधी नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा

विपक्षी दलों ने न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को हटाने संबंधी नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा
Modified Date: December 9, 2025 / 08:03 pm IST
Published Date: December 9, 2025 8:03 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने ‘कार्तिगई दीपम’ मामले में फैसला देने वाले मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपा तथा आरोप लगाया कि उनका आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष कार्यप्रणाली के संबंध में गंभीर सवाल खड़े करता है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता टी आर बालू तथा कई अन्य नेताओं ने बिरला से मुलाकात कर यह नोटिस दिया।

इस नोटिस पर 107 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।

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विपक्षी दलों ने नोटिस में कहा, ‘‘न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन का आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष कार्यप्रणाली के संबंध में गंभीर सवाल खड़े करता है। ऐसा लगता है कि इस मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता एम. श्रीचरण रंगनाथन को अनुचित तरीके से लाभ दिया गया और साथ ही एक विशेष समुदाय के अधिवक्ताओं का भी पक्ष लिया गया।’’

नोटिस में यह दावा भी किया गया है कि विशेष राजनीतिक विचारधारा के आधार पर और भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के विरुद्ध मामलों का निर्णय किया गया।

इस बीच, वामपंथी दलों ने आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद पैदा कर तमिलनाडु में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी(आरएसपी) और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने इस मुद्दे पर मदुरै के सांसद सु. वेंकटेशन को निशाना बनाने की निंदा की।

द्रमुक का आरोप है कि न्यायाधीश के फैसले के बाद भाजपा द्वारा सांप्रदायिक टकराव की स्थिति पैदा की गई है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने दरगाह के पास स्थित मंदिर में ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने की अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

उच्चतम न्यायालय ने तिरुपरमकुंद्रम में स्थित पत्थर के एक दीप स्तंभ ‘दीपथून’ में दरगाह के निकट अरुलमिघु सुब्रमणिय स्वामी मंदिर के श्रद्धालुओं को परंपरागत ‘‘कार्तिगई दीपम’ का दीपक जलाने की अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए पांच दिसंबर को सहमति जताई थी।

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चार दिसंबर को मदुरै के जिला कलेक्टर और शहर के पुलिस आयुक्त द्वारा दायर एक अंतर-न्यायालयी अपील खारिज कर दी और एकल न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें श्रद्धालुओं को दीपथून में ‘कार्तिगई दीपम’ दीप जलाने की अनुमति दी गई थी।

जब आदेश का क्रियान्वयन नहीं हुआ तो एकल न्यायाधीश ने तीन दिसंबर को एक और आदेश पारित कर श्रद्धालुओं को स्वयं दीप जलाने की अनुमति दे दी तथा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

भाषा हक हक सुरेश

सुरेश


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