नयी दिल्ली,25 नवंबर (भाषा) संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल दोनों सदनों की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देने पर विचार कर रहे हैं ताकि विपक्ष की आवाज रिकॉर्ड पर आ सके और सरकार को बचकर निकलने का मौका न मिले ।
आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विपक्षी दल महंगाई, जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी और पेट्रोल एवं डीजल के दाम जैसे जन केंद्रित मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे।
उनके मुताबिक, विपक्षी दल पेगासस और कृषि कानूनों के मुद्दे भी उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘सदन में विपक्षी दलों की ओर से हंगामा करने से सरकार मानसून सत्र के दौरान महत्वूर्ण विधेयकों पर चर्चा से भाग गई।’’
प्रेमचंद्रन ने यह भी कहा, ‘‘पिछली बार के सत्र के 21 दिनों में से 21 दिन बर्बाद हो गए। इस बार कई राजनीतिक दलों ने सुझाव दिया है कि सदन को चलने दिया जाए ताकि प्रतिरोध की आवाज रिकॉर्ड पर आ सके।’’
संसद का सत्र 29 नवंबर से आरंभ होकर 23 दिसंबर तक चलने की संभावना है।
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