नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित

नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित

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  • Publish Date - December 12, 2023 / 06:04 PM IST,
    Updated On - December 12, 2023 / 06:04 PM IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने असम में अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने से जुड़ी नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश मंगलवार को सुरक्षित रख लिया।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान, कपिल सिब्बल और अन्य की चार दिनों तक दलीलें सुनी।

पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं।

पीठ ने धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाली 17 याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया। असम समझौते के दायरे में आने वाले लोगों की नागरिकता निर्धारित करने के लिए यह धारा नागरिकता अधिनियम में एक विशेष प्रावधान के रूप में शामिल की गई थी।

इसमें कहा गया है कि जो लोग 1985 में संशोधित किये गए नागरिकता अधिनियम के अनुसार, बांग्लादेश सहित अन्य निर्धारित क्षेत्रों से 1 जनवरी, 1966 को या उसके बाद, लेकिन 25 मार्च, 1971 से पहले असम आए थे और तब से पूर्वोत्तर राज्य के निवासी हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना पंजीकरण कराना होगा।

परिणामस्वरूप, यह प्रावधान असम में रह रहे प्रवासियों, खासकर बांग्लादेश से आए लोगों को नागरिकता प्रदान करने के लिये ‘कट ऑफ’ तारीख 25 मार्च,1971 तय करता है।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप