‘परीक्षा पे चर्चा’ विश्व में शिक्षा के उभरते प्रचलनों का पता लगाने का अवसर: प्रधानमंत्री |

‘परीक्षा पे चर्चा’ विश्व में शिक्षा के उभरते प्रचलनों का पता लगाने का अवसर: प्रधानमंत्री

‘परीक्षा पे चर्चा’ विश्व में शिक्षा के उभरते प्रचलनों का पता लगाने का अवसर: प्रधानमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : January 15, 2022/7:49 pm IST

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को छात्रों, परिजनों और शिक्षकों से इस वर्ष के ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह पहल भारत के ऊर्जावान युवाओं के साथ संवाद स्थापित करने के साथ ही विश्व में शिक्षा के उभरते प्रचलनों का पता लगाने का मौका होता है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी बृहस्पतिवार को छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को इस वर्ष आयोजित होने वाली ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ के पांचवें संस्करण में हिस्सा लेने और प्रधानमंत्री से संवाद करने का अवसर प्राप्त करने के लिये पंजीकरण कराने के लिये आमंत्रित किया था।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘परीक्षाओं के साथ ही ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम भी नजदीक आ रहा है। आइए, तनाव मुक्त परीक्षा पर चर्चा करते हैं और अपने बहादुर परीक्षार्थियों, उनके परिजन और शिक्षकों का फिर से सहयोग करते हैं।’’

उन्होंने ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ को सीखने का एक शानदार अनुभव करार दिया और कहा कि यह ऊर्जावान युवाओं से जुड़ने और उनकी चुनौतियों तथा आकांक्षाओं को बेहतर तरीके से समझने का अवसर प्रदान करता है।

गौरतलब है कि स्कूल एवं कॉलेज के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का पहला संस्करण 16 फरवरी 2018 में तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया था ।

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए छात्र, शिक्षक एवं अभिभावक माईजीओवी वेबसाइट पर ‘परीक्षा पे चर्चा 2022’ खंड में पंजीकरण करा सकते हैं। इस पर प्रतियोगिता के आधार पर 2050 छात्र, शिक्षक एवं अभिभावकों का चयन किया जाएगा और इन्हें ‘परीक्षा पे चर्चा’ किट भी भेंट की जाएगी।

इसमें नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र हिस्सा ले सकते हैं और अधिकतम 500 शब्दों में प्रश्न दर्ज करा सकते हैं।

इसमें प्रतियोगिता के संबंध में छात्रों के लिए कुछ विषय तय किए गए हैं जिनमें कोविड-19 के दौरान परीक्षा तनाव प्रबंधन रणनीति, अपने गांव एवं शहर का इतिहास, आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर स्कूल, स्वच्छ भारत हरित भारत, पर्यावरण संरक्षण जैसे विषय शामिल हैं।

शिक्षकों के वास्ते विषयों में नए भारत के लिए ‘नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति’, ‘कोविड महामारी: अवसर एवं चुनौतियां’ शामिल हैं। वहीं, अभिभावकों के लिए ‘बेटी पढ़ाओ देश बढ़ाओ’, ‘लोकल से ग्लोबल: वोकल फॉर लोकल’ तथा ‘जीवन पर्यंत छात्र’ जैसे विषय रखे गए हैं।

इसके लिए 20 जनवरी तक पंजीकरण कराया जा सकता है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र दिलीप

दिलीप

 

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