संसदीय समिति ने डीएफसी ट्रेन संचालन में चालक दल की कमी को सबसे बड़ा मुद्दा माना

संसदीय समिति ने डीएफसी ट्रेन संचालन में चालक दल की कमी को सबसे बड़ा मुद्दा माना

संसदीय समिति ने डीएफसी ट्रेन संचालन में चालक दल की कमी को सबसे बड़ा मुद्दा माना
Modified Date: December 21, 2025 / 12:31 pm IST
Published Date: December 21, 2025 12:31 pm IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) संसद की एक समिति ने आगाह किया है कि यदि रेलवे के पूरी तरह से विद्युतकृत समर्पित माल ढुलाई गलियारों की योजना में चालक दल की कमी जैसी संचालन संबंधी समस्याएं समय पर हल नहीं की गईं, तो माल ढुलाई क्षमता को बढ़ाने का इसका लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा और योजना को अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।

समिति की यह टिप्पणी रेल मंत्रालय के यह स्वीकार करने के बाद आई है कि समर्पित माल ढुलाई गलियारा निगम (डीएफसीसीआईएल) के सामने ट्रेन संचालन में सबसे बड़ी चुनौती चालक दल की उपलब्धता है।

मंत्रालय ने समिति को दी गई जानकारी में एक जून 2025 तक भारतीय रेलवे में ट्रेन संचालन से जुड़े विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों की संख्या के बारे में विवरण प्रस्तुत किया।

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मंत्रालय के अनुसार, लोको पायलटों के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 1,42,814 है, जबकि फिलहाल केवल 1,07,928 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं।

इसी प्रकार, मालगाड़ी प्रबंधकों (गार्ड्स) के लिए 22,082 स्वीकृत पदों में से केवल 12,345 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं। स्टेशन मास्टर और स्टेशन अधीक्षक समेत सभी श्रेणियों के लिए कुल स्वीकृत पदों की संख्या 2,06,495 है, जबकि कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 1,59,219 है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने यह स्पष्ट किया कि चालक दल की कमी को शीघ्र दूर किया जाना चाहिए ताकि ट्रेन संचालन में देरी को कम किया जा सके, कार्यकुशलता में सुधार हो, और डीएफसी नेटवर्क के तहत निर्बाध माल ढुलाई सुनिश्चित की जा सके।

समिति ने भारतीय रेलवे से आग्रह किया कि वह डीएफसी नेटवर्क पर ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक चालक दल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के सिलसिले में प्रभावी कदम उठाए।

रेलवे मामलों की स्थायी समिति ने अपनी छठी रिपोर्ट ‘‘भारतीय रेलवे की मालढुलाई-संबंधी आय बढ़ाने और समर्पित मालवाहन गलियारों के विकास’’ 2025-26 लोकसभा में पेश की, जिसमें चुनौतियां और सुधार के लिए प्रस्तावित कदमों समेत माल ढुलाई संचालन के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई।

समिति ने यह बताया कि भारतीय रेलवे की कुल आय में लगभग 65 प्रतिशत कमाई माल ढुलाई सेवाओं से होती है, जबकि शेष 35 प्रतिशत आय यात्री सेवाओं, पार्सल सेवाओं आदि से प्राप्त होती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया, ‘‘मुख्य रूप से माल ढुलाई से होने वाली आय के कारण ही रेलवे यात्री भाड़े को आम जनता के लिए किफायती बनाए रख पाती है।’’

इसमें कहा गया है कि यदि पूरी तरह से विद्युतकृत समर्पित माल ढुलाई गलियारों की योजना में चालक दल की कमी जैसी संचालन संबंधी समस्याएं समय पर हल नहीं की गईं, तो माल ढुलाई क्षमता को बढ़ाने का इसका लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा और योजना को अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।

भाषा

जोहेब खारी

खारी


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