नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) संसद की एक समिति ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिये प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) में सुधार एवं पुनर्गठन करके तीसरा प्रारूप पेश करने के बावजूद प्रशिक्षित युवाओं के प्लेसमेंट और आवंटित धन के खराब उपयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इतनी कम संख्या में प्लेसमेंट (रोजगार प्राप्त होने) से प्रशिक्षण एवं प्रमाणन प्रदान करने का मकसद विफल हो जाता है ।
लोकसभा अध्यक्ष को 5 सितंबर को सौंपे गए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय से संबंधित ‘‘ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अनुपालन’ संबंधी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति यह बात नोट करके चिंतित है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 के तहत 91,38,665 प्रमाणित उम्मीदवारों में से केवल 21,32,715 उम्मीदवारों को प्लेंसमेंट मिला । वहीं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत 3,99,860 प्रमाणित उम्मीदवारों में से रिपोर्ट के अनुसार 30,599 को प्लेसमेंट मिला ।
इसमें कहा गया है कि समिति ने वर्ष 2022-23 के लिये अनुदान की मांगों पर 32वें प्रतिवेदन में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.0 की जांच करते हुए यह कहा था कि उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने एवं प्रमाणपत्र देने के साथ प्लेसमेंट पर भी समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत कम प्लेसमेंट के मुद्दे पर मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत नामांकन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 थी और इसके तहत प्रशिक्षण अभी जारी है।
समिति ने कहा कि उसका स्पष्ट रूप से मानना है कि किसी योजना की सफलता का सही पैमाना प्लेसमेंट के आंकड़े होते हैं और मंत्रालय को सभी पक्षकारों के साथ मिलकर समन्वित प्रयास करना चाहिए ताकि प्रमाणित उम्मीदवारों के प्लेसमेंट में वृद्धि हो सके ।
इसमें कहा गया है कि समिति इस बात से चिंतित है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में सुधार एवं पुनर्गठन करके तीसरा प्रारूप (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0) पेश करने के बावजूद प्रशिक्षित युवाओं के प्लेसमेंट और आवंटित धान के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं हो पाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत 3,99,860 प्रमाणित उम्मीदवारों में से रिपोर्ट के अनुसार 30,599 को प्लेसमेंट मिला । इसी प्रकार कुल जारी 686.02 करोड़ रूपये के कोष में से 30 जून 2022 तक 294.98 करोड़ रूपये का वास्तव में उपयोग हो सका ।
समिति का यह स्पष्ट मानना है कि इतनी कम संख्या में प्लेसमेंट (रोजगार प्राप्त होने) से प्रशिक्षण एवं प्रमाणन प्रदान करने का मकसद विफल हो जाता है ।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने इस योजना के केंद्र प्रायोजित राज्य प्रबंधित (सीएसएसएम) खंड के तहत विभिन्न राज्यों के खराब प्रदर्शन पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
इसमें कहा गया है कि समिति ने पाया कि 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में से सीएसएसएम खंड के लिये केवल 15 राज्यों में आनलाइन प्रबंधन प्रणाली क्रियाशील थी ।
भाषा दीपक दीपक नरेश
नरेश
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