पीसीआई ने पत्रकारों पर कथित हमले, यूपी पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की |

पीसीआई ने पत्रकारों पर कथित हमले, यूपी पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की

पीसीआई ने पत्रकारों पर कथित हमले, यूपी पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : April 5, 2022/6:26 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने यहां बुराड़ी मैदान में ‘हिंदू महापंचायत’ के दौरान पत्रकारों पर हुए कथित हमले की मंगलवार को निंदा करते हुए दोषियों की ‘तत्काल’ गिरफ्तारी की मांग की।

पीसीआई ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 12वीं कक्षा की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी की भी निंदा करते हुए कहा कि पुलिस ने इन पत्रकारों को ही आरोपी बना दिया जबकि उन्होंने पेपर लीक को ‘‘उजागर’’ किया था। पीसीआई ने बलिया के तीन पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग की।

दिल्ली पुलिस ने तीन अप्रैल को आयोजित विवादास्पद ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के साथ बदसलूकी का दावा किए जाने के बाद समुदायों के बीच कथित तौर पर नफरत फैलाने के आरोप में दो ट्विटर हैंडल संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें एक ट्विटर हैंडल एक पत्रकार का और दूसरा समाचार पोर्टल का है।

एक समाचार पोर्टल में काम करने वाले दिल्ली के पत्रकार मीर फैसल ने एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि उन्हें एक साथी पत्रकार के साथ मुस्लिम होने के कारण ‘‘हिंदू भीड़’’ ने पीटा था।

समाचार पोर्टल ‘‘आर्टिकल 14’’ ने उस दिन ट्वीट किया था, ‘‘पांच पत्रकार, जिनमें से चार मुस्लिम थे, उक्त समाचार पोर्टल के लिए ‘असाइनमेंट’ पर थे, उन्हें मुखर्जी नगर पुलिस थाने ले जाया गया, जब कार्यक्रम में भीड़ ने उन पर हमला किया और वीडियो को डिलीट कर दिया।’’

हालांकि, पुलिस ने पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने से इनकार किया था। कुछ अन्य पत्रकारों की इस शिकायत पर दो प्राथमिकी दर्ज की गईं कि उनके साथ मारपीट की गई।

महापंचायत में विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर हिंदुओं को अपने अस्तित्व के लिए लड़ने को हथियार उठाने का आह्वान करते हुए कहा था कि अगर कोई मुसलमान देश का प्रधानमंत्री बन गया तो 20 साल में ‘‘50 प्रतिशत हिंदू धर्मांतरित हो जाएंगे।’’

पीसीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘तीन अप्रैल को दिल्ली के बुराड़ी मैदान में आयोजित हिंदू महापंचायत के दौरान जिस तरह से पांच पत्रकारों पर हमला किया गया था, उसकी प्रेस क्लब ऑफ इंडिया निंदा करता है।’’

पीसीआई ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही और ‘‘बुराड़ी हमले में शामिल दोषियों’’ को गिरफ्तार नहीं किया। बयान में कहा गया, ‘‘हाल के दिनों में मीडियाकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों के मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि ‘‘ये लोग प्रेस को पूरी तरह से बंद करने पर तुले हुए हैं।’’

पिछले हफ्ते पुलिस ने उत्तर प्रदेश स्कूल परीक्षा बोर्ड के कक्षा 12 के अंग्रेजी प्रश्न पत्र के लीक होने में कथित भूमिका के लिए बलिया में तीन पत्रकारों अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। मामले में तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी से स्थानीय पत्रकारों में रोष पैदा हो गया, जिन्होंने दो अप्रैल को बलिया में पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।

पीसीआई ने तीनों पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और पुलिस की कार्रवाई को मनमाना बताया।

तीनों पत्रकारों की तुरंत रिहाई की मांग करते हुए पीसीआई ने कहा, ‘‘बलिया जिला प्रशासन की ओर से उन पत्रकारों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार करना अत्यधिक निंदनीय है, जिन्होंने 12वीं की परीक्षा के अंग्रेजी के प्रश्नपत्र के लीक होने का खुलासा किया था।’’

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

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