पीडीपी ने अनंतनाग-राजौरी सीट पर लोकसभा चुनाव टालने पर किया विरोध प्रदर्शन

पीडीपी ने अनंतनाग-राजौरी सीट पर लोकसभा चुनाव टालने पर किया विरोध प्रदर्शन

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  • Publish Date - May 1, 2024 / 06:18 PM IST,
    Updated On - May 1, 2024 / 06:18 PM IST

श्रीनगर, एक मई (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ( पीडीपी) कार्यकर्ताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर के नेतृत्व में बुधवार को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान सात मई के बजाय 25 मई को कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

पीडीपी ने मांग की कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन की उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए जिसके कारण चुनाव स्थगित करना पड़ा।

चुनाव आयोग ने मंगलवार को प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण साजो-सामान संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान 25 मई तक के लिए स्थगित कर दिया।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस) और महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) ने पिछले सप्ताह आयोग से चुनाव स्थगित नहीं करने का आग्रह किया था।

दर्जनों पीडीपी कार्यकर्ता जीपीओ के पास रेजीडेंसी रोड पर पीडीपी मुख्यालय में एकत्र हुए और चुनाव टालने के लिए भाजपा और निर्वाचन आयोग के खिलाफ नारे लगाए। पुलिसकर्मियों की एक टीम ने पीडीपी कार्यकर्ताओं को सड़क पर मार्च करने से रोक दिया।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान अख्तर ने कहा,’ यह निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों और पुंछ और राजौरी के दो जिलों में फैला हुआ है। सबसे पहले यह एक भौगोलिक विषमता है। वैसे भी उन्होंने इसे जाति और धार्मिक मतभेदों का फायदा उठाने और अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने के खिलाफ लोगों की एकता को बाधित करने के उद्देश्य से बनाया है।’

उन्होंने कहा, ‘यह एक परिसीमन आयोग के माध्यम से की गई चुनाव पूर्व धांधली थी। परिसीमन आयोग द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज़ में एक विशेष वर्ग को मताधिकार से वंचित और बेदखल करके उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की गई थी।’

पीडीपी नेता ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना कोई घटना नहीं थी बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेदखल करने और मताधिकार से वंचित करने की एक सतत प्रक्रिया थी।

उन्होंने कहा कि उस प्रक्रिया का एक हिस्सा यह है कि उन्होंने बोनसाई पौधों की तरह नई पार्टियां बनाकर पीडीपी को खत्म करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, ‘ उन्हें एहसास हो गया है कि हमारी नेता महबूबा मुफ्ती और हमारे कैडरों के कारण हवा विपरीत दिशा में बह रही है। विभाजन पैदा करने के उनके प्रयासों के बावजूद जम्मू-कश्मीर के लोग एकजुट हो रहे हैं।’

अख्तर ने कहा कि चार मान्यता प्राप्त पार्टियां (पीडीपी, कांग्रेस,नेकां और माकपा )हैं जो चुनाव में हिस्सा ले रही हैं।

उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ने चुनाव टालने की मांग की भले ही उसने वहां कोई उम्मीदवार नहीं उतारा हो।

अख्तर ने कहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा का एक औजार बन गया है और देशभर में इसके पर्याप्त सबूत हैं।

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने जम्मू-कश्मीर से सब कुछ छीन लिया है, स्वायत्तता से लेकर संविधान और हमारे अधिकार तक। हम भारत के निर्वाचन आयोग से कहते हैं कि वह इन चीजों से दूर रहे। उसे (मताधिकार से वंचित करने की) इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। आप एक ऐसे अपराध का हिस्सा बन रहे हैं जो न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश के खिलाफ है।’

उन्होंने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि जिस रिपोर्ट के आधार पर चुनाव टाले गए हैं उसे सार्वजनिक किया जाए ताकि हमें पता चल सके कि जम्मू-कश्मीर में सेवारत अधिकारी जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के लिए काम कर रहे हैं या अपने स्वामियों की आज्ञा पूरी करने के लिए।’

निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से उस क्षेत्र में सड़कों की स्थिति, मौसम के हालात और कनेक्टिविटी पर तुरंत एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था। इस क्षेत्र में दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्से और जम्मू क्षेत्र में पुंछ और राजौरी के इलाके शामिल हैं।

अख्तर ने कहा कि उनकी पार्टी शांतिपूर्ण, संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीकों से जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

भाषा

योगेश नरेश

नरेश