लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही है, उन्हें पूरा करने के लिए अब इंतजार नहीं कर सकते: मोदी |

लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही है, उन्हें पूरा करने के लिए अब इंतजार नहीं कर सकते: मोदी

लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही है, उन्हें पूरा करने के लिए अब इंतजार नहीं कर सकते: मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : August 15, 2022/1:32 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र की सरकार हो या राज्यों की सरकारें, उन्हें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में काम करना होगा क्योंकि जनता ने लंबे अरसे तक इंतजार किया है और अब वह अपनी आने वाली पीढ़ी को इंतजार में जीने के लिए मजबूर करने को तैयार नहीं है।

लाल किले की प्राचीर से 76वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आकांक्षी समाज को किसी भी देश की ‘‘बहुत बड़ी अमानत’’ बताया और कहा, ‘‘हमें गर्व है कि आज हिंदुस्तान के हर कोने में, हर समाज के हर वर्ग में, हर तबके में आकांक्षाएं उफान पर हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक चीजें बदलना चाहता है और बदलते देखना चाहता है लेकिन वह इंतजार करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह गति चाहता है और प्रगति चाहता है।

उन्होंने कहा, ‘‘75 साल में संजोए हुए सारे सपने अपनी ही आंखों के सामने पूरा करने के लिए वे लालायित, उत्‍साहित और उतावले भी हैं।’’

मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को इसके कारण संकट हो सकता है क्‍योंकि जब समाज आकांक्षी होता है तब सरकारों को भी तलवार की धार पर चलना पड़ता है और उन्हें भी समय के साथ दौड़ना पड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्‍वास है कि चाहे केन्‍द्र सरकार हो, राज्‍य सरकार हो, स्थानीय स्‍वराज्‍य की संस्‍थाएं हों, किसी भी प्रकार की शासन व्‍यवस्‍था क्‍यों न हो, हर किसी को इस आकांक्षी समाज की आकांक्षाओं का पूरा करना पड़ेगा। उनकी आकांक्षाओं के लिए हम ज्‍यादा इंतजार नहीं कर सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे इस आकांक्षी समाज ने लंबे अरसे तक इंतजार किया है। लेकिन अब वह अपनी आने वाली पीढ़ी को इंतजार में जीने के लिए मजबूर करने को तैयार नहीं हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए ‘‘अमृत काल’’ का समय इस समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बहुत बड़ा सुनहरा अवसर लेकर आया है।

मोदी ने कोराना काल के दौरान ताली-थाली बजाने से लेकर हर घर तिरंगा अभियान में जन भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि इस कालखंड में भारत में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पुनर्जागरण हमारी सबसे बड़ी अमानत है। यह पुनर्चेतना, पुनर्जागरण का पल है।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा

मनीषा

 

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