देशभर के लिए समान न्यायिक संहिता का अनुरोध करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर |

देशभर के लिए समान न्यायिक संहिता का अनुरोध करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर

देशभर के लिए समान न्यायिक संहिता का अनुरोध करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : December 25, 2021/2:07 am IST

Petition seeking uniform judicial code : नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके उच्च न्यायालयों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वे मामलों का पंजीकरण करने और समान न्यायिक शब्दावली, वाक्यांशो एवं संक्षिप्त शब्दों का उपयोग करने के लिए समान संहिता अपनाने की दिशा में उचित कदम उठाएं।

वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी यााचिका में विधि आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि वह न्यायिक शब्दावली, वाक्यांशों, संक्षिप्त शब्दों, मामला दर्ज करने की प्रक्रिया और अदालत के शुल्क में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालयों के साथ विचार-विमर्श करके एक रिपोर्ट तैयार करे।

याचिका में कहा गया है, ‘‘विभिन्न मामलों में विभिन्न उच्च न्यायालय जो शब्दावली इस्तेमाल करते हैं, उसमें एकरूपता नहीं है। इससे न केवल आमजन को, बल्कि कई मामलों में वकीलों एवं प्राधिकारियों को भी असुविधा होती है।’’

इसमें कहा गया है कि एक ही प्रकार के मामलों में उपयोग की जाने वाली शब्दावली ही अलग नहीं है, बल्कि इन शब्दावलियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले संक्षिप्त शब्द भी अलग-अलग हैं।

याचिका में कहा गया है, ‘‘यह समझ से परे है कि जब सभी अदालतें एक ही कानून द्वारा शासित हैं तो उनकी शब्दावली, प्रक्रिया, अदालत के शुल्क आदि में अंतर क्यों है।’’

इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय न केवल मामले पंजीकृत करते समय अलग-अलग नियमों एवं प्रक्रियाओं को अपनाते और अलग-अलग न्यायिक शब्दावलियों, वाक्यांशों और संक्षिप्त शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, बल्कि शुल्क में भी समानता नहीं है, जो कानून के शासन और न्याय के अधिकार के विरुद्ध है।

याचिका में कहा गया है कि देशभर में सभी 25 उच्च न्यायालय विभिन्न मामलों की पहचान करते हुए अलग-अलग वाक्यांशों का इस्तेमाल करते हैं।

भाषा सिम्मी शाहिद

शाहिद

 

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