पीएफआई के हिंसक कृत्यों का नागरिकों के मन में बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है: एनआईए

पीएफआई के हिंसक कृत्यों का नागरिकों के मन में बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है: एनआईए

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  • Publish Date - September 22, 2022 / 09:59 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित हिंसक कृत्यों से नागरिकों के मन में आतंक पैदा होने जैसा बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

एनआईए ने कहा कि पीएफआई द्वारा कथित रूप से किए गए हिंसक कृत्यों जैसे कि एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना और अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े व्यक्तियों की निर्मम हत्याओं का नागरिकों के मन में आतंक पैदा होने जैसा गहरा प्रभाव पड़ा है।

एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एनआईए ने एक बयान में कहा, ‘‘पीएफआई द्वारा किए गए आपराधिक हिंसक कृत्य जैसे कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े व्यक्तियों की निर्मम हत्याएं, प्रमुख लोगों और स्थानों को लक्षित करने के लिए विस्फोटकों को एकत्र करना, इस्लामिक स्टेट को समर्थन और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना नागरिकों के मन में आतंक पैदा करने जैसे कृत्य है।’’

पुलिस सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम ने दस्तावेज, साहित्य, कम्प्यूटर, लैपटॉप तथा फोन जब्त किए।

एनआईए द्वारा की गई छापेमारी केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर सहित 15 राज्यों के 93 स्थानों पर हुई।

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पीएफआई और उसके नेताओं और सदस्यों के खिलाफ कई हिंसक कृत्यों में शामिल होने के लिए पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राज्यों द्वारा बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।’

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश