पीएम- किसान योजना का इस्तेमाल असम में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गया : एजेपी |

पीएम- किसान योजना का इस्तेमाल असम में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गया : एजेपी

पीएम- किसान योजना का इस्तेमाल असम में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गया : एजेपी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : July 24, 2021/6:55 pm IST

गुवाहाटी, 24 जुलाई (भाषा) एजेपी ने शनिवार को आरोप लगाया कि असम में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने केंद्र के पीएम-किसान योजना के तहत लाभ किसानों के एक ऐसे धड़े को दिया जो इसके लिए पात्र नहीं थे और भाजपा ने इस वर्ष की शुरुआत में यह फायदा कई अन्य राज्यों में भी दिया जहां विधानसभा चुनाव हुए।

असम जातीय परिषद् (एजेपी) ने यह भी दावा किया कि किसान कल्याण योजना के तहत ‘‘सबसे अधिक संख्या में अपात्र लाभार्थियों’’ की संख्या का पता पूर्वोत्तर राज्यों में चला है जहां भाजपा नीत सरकार सत्ता में थी और पिछले विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता में आई है।

एजेपी के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने आरोप लगाए कि केंद्रीय योजना के तहत तमिलनाडु 7,22,271 अपात्र किसानों की संख्या के साथ दूसरे स्थान पर रहा जहां उसका अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन था।

गोगोई ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पीएम-किसान योजना के तहत लाभ राजनीतिक फायदे के लिए दिया गया। यह इस तथ्य से पता चलता है कि असम और तमिलनाडु में अपात्र किसानों को इस कार्यक्रम के तहत लाभ पहुंचाया गया। भाजपा यहां सत्ता में रही है और दक्षिणी राज्य में उसका सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन था।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा 20 जुलाई को लोकसभा में दी गई सूचना के मुताबिक असम में 8,35,268 ऐसे किसानों को पीएम-किसान का लाभ दिया गया जो इसके लिए पात्र नहीं थे।

एजेपी अध्यक्ष ने कहा कि देश में कल्याणकारी योजना के तहत 42 लाख अपात्र किसानों को इसका फायदा दिया गया।

गोगोई ने कहा, ‘‘बहरहाल, असम एवं तमिलनाडु के साथ पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव हुए लेकिन वहां केवल 19 अपात्र किसानों को लाभ पहुंचाया गया। भाजपा बंगाल में सत्ता में नहीं थी।’’

पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है जो दो हजार रुपये की तीन बराबर किस्तों में दी जाती है। यह राशि लाभार्थियों के सीधे खाते में भेजी जाती है।

गोगोई ने कहा, ‘‘अगर हम मानें कि एक परिवार में चार व्यक्ति हैं तो असम में 33.41 लाख मतदाताओं को प्रभावित किया गया। यह घोटाला यह भी सवाल उठाता है कि अन्य सरकारी योजनाओं में कितने वास्तविक लाभार्थियों को शामिल किया गया है।’’

भाषा नीरज नीरज पवनेश

पवनेश

 

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