PM Modi Podcast Video: ‘क्या PM मोदी को मौत से ड़र लगता है?’.. प्रधानमंत्री के दार्शनिक जवाब ने लेक्स फ्रीडमेन को भी कर दिया लाजवाब, आप भी सुनें

इस पर फ्रीडमैन ने जवाब दिया कि जीवन नहीं, बल्कि मृत्यु ही सबसे बड़ा सच है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जीवन ही मृत्यु है। जो भी जीवित है, उसकी मृत्यु निश्चित है। जहां तक जीवन का सवाल है, तो यह लगातार पनपता रहता है।

PM Modi Podcast Video: ‘क्या PM मोदी को मौत से ड़र लगता है?’.. प्रधानमंत्री के दार्शनिक जवाब ने लेक्स फ्रीडमेन को भी कर दिया लाजवाब, आप भी सुनें

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman || Image- Lolflix twitter

Modified Date: March 16, 2025 / 09:18 pm IST
Published Date: March 16, 2025 9:14 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मृत्यु पर मोदी का दृष्टिकोण – "मृत्यु एक अटल सत्य है, लेकिन जीवन को संवारने पर ध्यान देना चाहिए।"
  • लेक्स फ्रीडमैन से चर्चा – प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन और मृत्यु को लेकर दिलचस्प दार्शनिक विचार साझा किए।
  • गोधरा कांड पर सवाल – पॉडकास्ट में लेक्स फ्रीडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से गोधरा कांड पर प्रतिक्रिया मांगी।

PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने निजी जीवन, गैर-राजनीतिक पहलुओं और सियासी अनुभवों से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। बातचीत के दौरान फ्रीडमैन ने गोधरा कांड से जुड़ा सवाल भी पूछा, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पॉडकास्ट

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पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रीडमैन ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उन्हें मृत्यु से डर लगता है? इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी पहले तो जोर से हंसे, फिर उन्होंने उल्टा फ्रीडमैन से ही सवाल किया – “आप निश्चित रूप से किसे मानते हैं? जीवन या मृत्यु?”

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PM Narendra Modi Podcast with Lex Fridman: इस पर फ्रीडमैन ने जवाब दिया कि जीवन नहीं, बल्कि मृत्यु ही सबसे बड़ा सच है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जीवन ही मृत्यु है। जो भी जीवित है, उसकी मृत्यु निश्चित है। जहां तक जीवन का सवाल है, तो यह लगातार पनपता रहता है। मृत्यु एक अटल सत्य है, तो हमें इससे डरने की क्या जरूरत? हमें अपनी पूरी ऊर्जा जीवन को संवारने और निखारने में लगानी चाहिए, न कि मृत्यु के बारे में सोचकर अपना दिमाग खपाना चाहिए।” इस रोचक बातचीत का यह अंश आप भी सुन सकते हैं।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown