प्रधानमंत्री ने पित्रोदा की टिप्पणियों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा, कांग्रेस नेता ने इस्तीफा दिया

प्रधानमंत्री ने पित्रोदा की टिप्पणियों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा, कांग्रेस नेता ने इस्तीफा दिया

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  • Publish Date - May 8, 2024 / 08:18 PM IST,
    Updated On - May 8, 2024 / 08:18 PM IST

नयी दिल्ली/हैदराबाद, आठ मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारत की विविधता को चित्रित करने संबंधी कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणियों को लेकर बुधवार को विपक्षी दल पर निशाना साधा। मोदी ने इन टिप्पणियों को ‘‘नस्ली’’ बताते हुए कहा कि लोग त्वचा के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

इस विवाद के बीच पित्रोदा ने ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया।

पित्रोदा की उस टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे दिखते हैं’’।

उनकी टिप्पणी को लेकर मचे राजनीतिक हंगामे के बीच कांग्रेस ने हालांकि पित्रोदा की टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया। पार्टी ने कहा कि वह इन टिप्पणियों से खुद को ‘‘पूरी तरह से अलग’’ करती है।

सत्तारूढ़ भाजपा ने पित्रोदा की ‘‘नस्ली’’ टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधा और दावा किया कि इससे विपक्षी दल की ‘‘विभाजनकारी’’ राजनीति बेनकाब हो गई है।

भाजपा ने कांग्रेस के रुख को निरर्थक बताते हुए खारिज कर दिया। भाजपा ने पित्रोदा के गांधी परिवार के साथ करीबी संबंधों का हवाला देते हुए तीखा हमला बोला।

मोदी ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए पित्रोदा की भारतीयों की त्वचा के रंग संबंधी कथित नस्ली टिप्पणी को लेकर विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और जोर देकर कहा कि देशवासी त्वचा के रंग के आधार पर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें अब यह बात समझ में आ गई है कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को हराने की कोशिश इसलिए की थी क्योंकि उनकी ‘त्वचा का रंग सांवला’ है।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर सैम पित्रोदा के संदर्भ में कहा, ‘‘मुझे आज पता चला कि शहजादे के एक अंकल अमेरिका में रहते हैं। वह उनके दार्शनिक और मार्गदर्शक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शहजादे के दार्शनिक और मार्गदर्शक ने एक बड़ा राज खोला है। उन्होंने कहा कि जिनकी त्वचा का रंग सांवला है, वे सभी अफ्रीका के हैं।’’

मोदी ने कांग्रेस शासित कर्नाटक और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों क्रमशः सिद्धरमैया और ए रेवंत रेड्डी से पूछा कि क्या वे ‘‘इस तरह के आरोप’’ को स्वीकार करेंगे।

प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘‘क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन तमिल के गौरव और सम्मान के लिए कांग्रेस के साथ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के संबंध तोड़ देंगे। क्या उनमें ऐसा करने की हिम्मत है?’’

पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘‘हम 75 साल से बहुत सुखद माहौल में रह रहे हैं, जहां कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं।’’

पित्रोदा ने सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित इस साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं। जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी भाई-बहन हैं। भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।’’

इससे पहले पित्रोदा ने विरासत कर के बारे में बात करके भी विवाद खड़ा कर दिया था, जिसे भाजपा ने चुनावी मुद्दा बना लिया।

पित्रोदा ने कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘संपदा के पुन: वितरण’ के मुद्दे पर बात करते हुए ‘अमेरिका में विरासत कर’ का उल्लेख किया था। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा था।

भाजपा के लिए तेलंगाना में प्रचार करते हुए मोदी ने कहा, “मैं आज गुस्से में हूं। अगर कोई मुझे गाली देता है तो मुझे गुस्सा नहीं आता। मैं बर्दाश्त कर सकता हूं। लेकिन शहजादे के दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दे दी, जिससे मुझे गुस्सा आ गया है।”

मोदी ने पूछा, “क्या मेरे देश में त्वचा के रंग के आधार पर लोगों की क्षमता तय होगी?”

इस टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत गलत और अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।’’

बाद में रमेश ने पित्रोदा के इस्तीफे के फैसले की घोषणा की और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे स्वीकार कर लिया है।

भाजपा ने पित्रोदा की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहा है, विपक्षी पार्टी का मुखौटा उतरता जा रहा है।

पार्टी ने दावा किया कि पित्रोदा की ‘‘नस्ली’’ टिप्पणियों ने देश को नस्ल, धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कांग्रेस की कोशिश को उजागर किया है।

भाजपा ने विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस द्वारा असहमति जाहिर करने संबंधी रुख को खारिज कर दिया और संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पित्रोदा का आतंकवाद और 1984 के सिख विरोधी दंगों सहित कई मुद्दों पर ‘‘अपमानजनक और आपत्तिजनक’’ टिप्पणियां करने का इतिहास रहा है।

पार्टी ने कहा कि 1984 के दंगों को लेकर एक सवाल पर पित्रोदा ने कहा था ‘‘हुआ तो हुआ’’। पार्टी ने कहा कि 2019 में जब देश में आम चुनाव की तैयारी हो रही थी तो उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले के संदर्भ में कहा था ‘‘ऐसे हमले होते रहते हैं’’।

पित्रोदा के इस तरह के बयानों पर विवाद खड़ा होने पर उनकी पार्टी कांग्रेस ने खुद को इन बयानों से अलग करने का प्रयास किया था।

भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर और सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि पित्रोदा ने भारत के उस विचार को उजागर किया है जिस पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के बड़े नेता विश्वास करते हैं।

केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि पित्रोदा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के भारत के संबंध में विचार को समझा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस का कोई वरिष्ठ नेता ऐसी भाषा बोलता है, तो इससे पार्टी नेतृत्व की उस मानसिकता का पता चलता है, जो विभाजन और नस्लवाद पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है। उन्होंने कांग्रेस से इस संबंध में माफी की मांग की। उन्होंने कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों द्वारा शासित चार दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी पूछा कि क्या वे पित्रोदा द्वारा दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकी बताए जाने से सहमत हैं।

मंत्री ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा के दौरान भारतीय संस्थानों और लोकतंत्र पर ‘‘निशाना साधते’’ समय केवल पित्रोदा के विचारों को ही दोहराते हैं और आगे बढ़ाते हैं।

भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी ने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव अब विदेशी मानसिकता से ग्रस्त लोगों और ‘‘आत्मनिर्भर’’ तथा स्वाभिमान से भरे भारत के बीच की लड़ाई बन गया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हमारे लिए, सभी भारतीय भारतीयों की तरह दिखते हैं, कांग्रेस उन्हें चीनी, अरब, श्वेत और अफ्रीकी आधार पर वर्गीकृत करने पर जोर देती है। केवल कांग्रेस जैसी औपनिवेशिक मानसिकता वाली पार्टी ही इस तरह के निंदनीय नस्लवाद में शामिल हो सकती है।’’

ठाकुर ने कहा, ‘‘उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन पैदा करने में विफल रहने के बाद, कांग्रेस अब जातीय विवाद खड़ा करने पर आमादा दिख रही है। यह केवल समय की बात है कि शहजादा, अपने गुरु के नक्शेकदम पर चलते हुए, इस विभाजनकारी रणनीति का समर्थन करेगा।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं दक्षिण भारत से हूं। मैं भारतीय दिखती हूं! मेरी टीम में पूर्वोत्तर भारत के उत्साही सदस्य हैं। वे भारतीय दिखते हैं! पश्चिम भारत के मेरे सहकर्मी भारतीय दिखते हैं! लेकिन, राहुल गांधी के जो नस्लवादी सलाहकार हैं, उनके लिए हम सभी अफ्रीकी, चीनी, अरब और गोरे दिखते हैं! अपनी मानसिकता और अपना नजरिया जाहिर करने के लिए धन्यवाद। ‘इंडी’ गठबंधन के लिए शर्म की बात है।’’

इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भाजपा पर दलितों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन का कोई भी घटक दल पित्रोदा की कथित नस्लवादी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करता।

पित्रोदा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन का कोई भी घटक उनके बयान का समर्थन नहीं करता।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव