विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र का निजीकरण करने के फैसले पर प्रधानमंत्री पुनर्विचार करें : भाकपा

विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र का निजीकरण करने के फैसले पर प्रधानमंत्री पुनर्विचार करें : भाकपा

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  • Publish Date - February 23, 2021 / 12:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव डी राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र का निजीकरण करने की सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

इस महीने की शुरूआत में, आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने आरआईएनएल के निजीकरण को मंजूरी दी थी, जिससे इसके कर्मचारियों के बीच रोष पैदा हो गया।

भारत सरकार के उद्यम आरआईएनएल (राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड) को विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के नाम से भी जाना जाता है।

राजा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘इस इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए 50 साल पहले 23,000 एकड़ कृषि भूमि का अधिग्रहण किया गया था। किसानों को उनका (जमीन के मुआवजे का) पैसा उचित रूप से नहीं मिला था। अब इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपये हैं। यदि मौजूदा कदम (निजीकरण) की अनुमति दी जाती है तो कोई निजी कंपनी इस्पात संयंत्र का अधिग्रहण करेगी और जमीन हड़प लेगी। ’’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस संयंत्र को चलाने की सभी संभावनाएं तलाशने की कोई कोशिश नहीं की। विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की कोई खदान आवंटित नहीं की गई।

उन्होंने दावा किया कि सभी निजी इस्पात संयंत्रों को लौह अयस्क की खदानें मिलती हैं।

भाकपा नेता ने इस बात का जिक्र किया है कि इस इस्पात संयंत्र के लिए लाखों लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर काम कर रहे हैं।

उन्होंने पत्र में कहा है, ‘‘आंध्र प्रदेश के लोग, राजनीतिक पार्टियां और मजदूर संघ निजीकरण के इस विनाशकारी कदम का विरोध कर रहे हैं। यहां तक कि जगन मोहन रेड्डी नीत राज्य सरकार ने भी इस बात का जिक्र किया है कि यह सयंत्र तेलुगू लोगों की इच्छा शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। ’’

राजा ने कहा, ‘‘भाकपा विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण संबंधी सीसीईए की मंजूरी रद्द करने और संयंत्र को फौरन लौह अयस्क आवंटित करने की सरकार से मांग करती है।’’

भाषा सुभाष माधव

माधव