अमरोहा।रविवार को एक मुठभेड़ में मारे गए पुलिस कांस्टेबल हर्ष चौधरी का शव आज उनके गृह ग्राम पहुंच गया है। इस दौरान पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है। वहीं हर्ष के परिवार वालों को अपने बेटे खोने का दर्द तो है ही साथ ही उन्हें प्रशासन से शिकायत भी की है कि आखिर क्या वजह थी की कुख्यात अपराधियों के साथ लड़ने के लिए सिर्फ दो जवानों को भेज दिया गया था।
हर्ष की बहन का कहना है कि हमें तो उनकी मौत के बारे में भी बहुत देर से सुचना दी गई। और सबसे बड़ा सवाल यह है कि अपराधी एक हिस्ट्रीशीटर था।ये सभी जानते थे। उसके बाद केवल 2 पुलिस को भेजा गया था। किस आधार पर यह किया गया था? क्या हमें सरकार ने जो मुआवजा देने का ऐलान किया है उससे उन्हें वापस लाया जा सकता है ?
Amroha: Family of constable Harsh Chaudhary who lost his life in an encounter with criminals y’day say “No one informed us about his death for a long time. The criminal was a history-sheeter. Only 2 cops were sent. On what basis was it done? Compensation can’t bring him back.” pic.twitter.com/OiHRRRwQN6
— ANI UP (@ANINewsUP) January 28, 2019
ज्ञात हो कि शहीद हर्ष चौधरीहो 2016 में ही पुलिस में भर्ती हुए थे. शहीद सिपाही चौधरी हाथरस जिले के रहने वाले थे.शातिर बदमाश शिव अवतार उर्फ शिविया के साथ बछरायूं इलाकाके इंद्रपुर गांव में हुई मुठभेढ़ में वह शहीद हुए थे। आरोपी बदमाश भी मुठभेड़ में ढेर हो गया जिस पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुठभेड़ में पुलिस कांस्टेबल हर्ष चौधरी की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए।कांस्टेबल की पत्नी को 40 लाख रुपये तथा चौधरी के माता पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है।