रांची, 19 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को झारखंड उच्च न्यायालय से कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम खनन पट्टा आवंटित करने में कथित मनरेगा घोटाले के सिलसिले में निलंबित खान सचिव पूजा सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा. रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ के समक्ष शपथ पत्र के माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि मुख्यमंत्री सोरेन को उनके नाम राज्य की राजधानी रांची में खनन पट्टा आवंटित करने में सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसने कहा कि इतना ही नहीं, धन शोधन से जुड़े मामलों में भी सिंघल कथित रूप से शामिल रही हैं और इसका साक्ष्य भी निदेशालय को मिला है।
उल्लेखनीय है कि एक विशेष अदालत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) निधि के कथित गबन से जुड़े धन शोधन मामले में झारखंड काडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पूजा सिंघल को सोमवार को चार और दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
निदेशालय का शपथ पत्र देखने के बाद खंड पीठ ने सभी प्रतिवादियों को 23 मई तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
शपथपत्र में ईडी ने अदालत से आग्रह किया है कि अदालत में उसकी ओर से जो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और दस्तावेज सौंपे गए हैं, वे झारखंड पुलिस और झारखंड सरकार के नियंत्रण वाले किसी प्राधिकार को नहीं सौंपे जायें। निदेशालय ने कहा कि अभी प्रारंभिक जानकारी दी गई है और आवश्यक होने पर ईडी इस मामले में पूरक शपथ पत्र भी दाखिल करेगी।
भाषा इन्दु सिम्मी
सिम्मी
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