नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि जनता दल (एस) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को स्पष्टीकरण देना मुश्किल होगा और इस ‘सेक्स स्कैंडल’ की गूंज केवल कर्नाटक ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव के शेष चरणों में पूरे देश में सुनाई देगी।
प्रज्वल और उनके पिता एवं कर्नाटक के पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना के खिलाफ रविवार को पुलिस ने उनकी एक घरेलू सहायिका की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया। प्रज्वल जद (एस) प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह मामला चुनाव में भाजपा को प्रभावित करेगा, थरूर ने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि यह सज्जन भाजपा के सहयोगी हैं। भाजपा ने हाल ही में संपन्न चुनाव में उनके लिए प्रचार किया था। इसलिए उन्हें यह स्पष्टीकरण देने मे परेशानी होगी कि उन्हें वास्तव में कोई जानकारी नहीं थी… यह पता चला है कि उन्हें जानकारी थी और चुनाव से कुछ समय पहले, एक भाजपा विधायक को ये आपत्तिजनक वीडियो मिले थे।’’
कांग्रेस नेता यहां पीटीआई मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘इन परिस्थितियों के मद्देनजर, मुझे लगता है कि भाजपा को नुकसान होगा। अब भाजपा पासा पलटने की कोशिश कर रही है और कह रही है कि कांग्रेस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की तथा कांग्रेस ने उन्हें जाने की अनुमति क्यों दी। कांग्रेस इस बात से अनजान थी और उसे यह जानकारी नहीं दी गई थी।”
थरूर ने कहा कि राज्य सरकार ने तुरंत ही एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया और अगर देश से बाहर जाने में प्रज्वल रेवन्ना ने जल्दबाजी नहीं की होती तो उन्हें ‘लुकआउट नोटिस’ के जरिए रोका जा सकता था।
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से चुनाव के शेष चरणों में, इसकी गूंज सुनाई देने वाली है, सिर्फ कर्नाटक में ही नहीं, उदाहरण के लिए पड़ोसी तेलंगाना में, एक गंभीर विवाद है और कुछ महिला कार्यकर्ता दृढ़ता से आगे आई हैं तथा कह रही हैं कि देश की पितृसत्ता कब जागेगी और महसूस करेगी कि किस प्रकार महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और उन्होंने इस संबंध में क्या किया है?’’
थरूर ने कहा, ‘‘…अभिव्यक्ति की यह भावना सामान्य रूप से सभी पुरुषों के खिलाफ नहीं बल्कि विशेष रूप से उन लोगों के खिलाफ है जो आज देश पर शासन कर रहे हैं।’’
भाषा
अविनाश नेत्रपाल
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