देश में डिजिटल और प्रौद्योगिकीय बदलाव के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण: नायडू |

देश में डिजिटल और प्रौद्योगिकीय बदलाव के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण: नायडू

देश में डिजिटल और प्रौद्योगिकीय बदलाव के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण: नायडू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : November 17, 2021/5:42 pm IST

बेंगलुरु, 17 नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि देश में डिजिटल और प्रौद्योगिकीय बदलाव लाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि लोगों की बेहतरी के लिए व्यवस्था और देश में बदलाव ही लक्ष्य होना चाहिए।

‘बेंगलुरु टेक समिट’ के 24वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हमें ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण और नवोन्मेष को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना चाहिए। हमारे देश में डिजिटल भारत कार्यक्रम जारी है और हमने आधार जैसी सुविधा से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और लोगों तक विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंचाने के मामले में महत्वपूण प्रगति की है।’’

उन्होंने कहा कि नीति और कार्यक्रम संसद में तय होते हैं लेकिन सबसे अहम हैं इनसे होने वाले लाभों का जनता तक पहुंचना और इसके लिए हमें प्रौद्योगिकीय सुविधाओं का फायदा उठाना होगा और नए विचार सामने लाने होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से उठाए गए कदम बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैं निजी क्षेत्र की भागीदारी का भी आग्रह करता हूं और महसूस करता हूं कि रोजगार पैदा करना, नवोन्मेषी तरकीबों को आजमाना और डिजिटल एवं प्रौद्योगिकीय बदलाव देश में आवश्यक हैं।’’

इस समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सी एन अश्वत्थ नारायण, उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी, बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

‘बेंगलुरु टेक समिट’ को एशिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी सम्मेलन माना जाता है। इसका आयोजन राज्य का इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और राज्य सरकार की ओर से किया जाता है।

तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए उपराष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि इसमें होने वाली चर्चाओं से निश्चित तौर पर जरूरत के अनुकूल परिणाम सामने आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरु एक जीवंत शहर है, भारत एक जीवंत देश है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सूचना एवं प्रौद्योगिकी सहित अन्य मंचों के इस्तेमाल में पूरे तंत्र में बदलाव लाने की ओर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। आप अपना कर्तव्य निभाते रहिए, आप आगे बढ़ते रहेंगे। यही संदेश मैं देना चाहता हूं।’’

उपराष्ट्रपति ने कई क्षेत्रों में हाल के तकनीकी व्यवधानों को स्वीकार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, प्रशासन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार होने पर प्रौद्योगिकी की वास्तविक क्षमता को उजागर किया जा सकता है।

कृषि पर अधिक ध्यान देने के लिए बेंगलुरु टेक समिट के प्रतिभागियों से आग्रह करते हुए उन्होंने कृषि उत्पादकता और आय में सुधार करने में सहायता देने के लिए सटीक कृषि, ऑनलाइन बाजारों और कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे बेहतर कृषि-तकनीकी समाधानों को अपनाने का आह्वान किया।

कृषि पर जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे प्रतिकूल प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस चुनौती के लिए तकनीकी समाधान ढूंढने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और इज़राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट को धन्यवाद दिया।

आयोजन का 24वां संस्करण हाईब्रिड फॉर्मेट में हो रहा है और इसमें 30 देश हिस्सा ले रहे हैं।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)