पीटीआई और रूस की समाचार एजेंसी तास के बीच समझौते पर हस्ताक्षर

पीटीआई और रूस की समाचार एजेंसी तास के बीच समझौते पर हस्ताक्षर

पीटीआई और रूस की समाचार एजेंसी तास के बीच समझौते पर हस्ताक्षर
Modified Date: December 5, 2025 / 03:29 pm IST
Published Date: December 5, 2025 3:29 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) और रूसी समाचार एजेंसी तास ने शुक्रवार को भारत और रूस के घटनाक्रमों पर समाचारों के नियमित आदान-प्रदान के लिए एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौते पर पीटीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रधान संपादक विजय जोशी और तास के महानिदेशक आंद्रे कोंद्राशोव ने यहां भारत-रूस व्यापार मंच के अवसर पर हस्ताक्षर किए। यह आयोजन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हुआ।

 ⁠

भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में कोंद्राशोव ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर रूस और भारत के बीच मित्रता और आपसी समझ को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम रूसी-भारतीय मीडिया सहयोग में एक नये अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। हमारा सहयोग समाचारों के आदान-प्रदान को और अधिक कुशल, विविध और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।’’

कोंद्राशोव ने कहा कि यह ऐसे समय में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब पूरे विश्व में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद रूस-भारत के संबंध कई क्षेत्रों में स्थिर रणनीतिक गहराई प्रदर्शित करते हैं तथा अर्थव्यवस्था से कहीं आगे जाकर ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, सैन्य-तकनीकी सहयोग, संयुक्त सांस्कृतिक और मानवीय परियोजनाओं जैसे पहलुओं को भी शामिल करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जनसंचार माध्यम हमारे लोगों और हमारी संस्कृतियों के बीच एक सेतु है। पीटीआई और तास की बदौलत यह सेतु और भी विश्वसनीय तथा मजबूत होगा।’’

जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह समझौता महज समाचार आदान-प्रदान साझेदारी नहीं है, बल्कि वास्तव में दोनों समाचार एजेंसियां ​​अनिश्चितता के युग में सत्य को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिज्ञा को नवीनीकृत कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम एक सार्थक कदम आगे बढ़ा रहे हैं। हम अपने देशों में होने वाली घटनाओं और विकास को प्रत्यक्ष रूप से देखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहरा रहे हैं।’’

जोशी ने कहा कि सूचना का वैश्विक प्रवाह मुख्यतः पश्चिमी दृष्टिकोण से आकार लेता है और इस पर अमेरिका और यूरोप में स्थित एजेंसियों का प्रभुत्व रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि उनका योगदान महत्वपूर्ण है, लेकिन इस असंतुलन ने कभी-कभी पाठक तक पहुंचने वाले दृष्टिकोण की विविधता को सीमित किया है।

उन्होंने कहा कि हमारा सहयोग उस क्षितिज को व्यापक बनाने का प्रयास करता है- जिसका मकसद हमारे देशों की आवाज, कहानियों और विचारों को बिना किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के सीधे सामने लाना है।

जोशी ने कहा कि यह सहयोग दोनों समाचार एजेंसियों को याद दिलाता है कि पत्रकारिता क्यों महत्वपूर्ण है- सूचना देने, जुड़ने और सबसे ऊपर सत्य को सर्वोपरि रखने के लिए ।

उन्होंने कहा, ‘‘आइए, हम सब मिलकर उस दुनिया के लिए एक मजबूत और अधिक विश्वसनीय मीडिया परिवेशी तंत्र का निर्माण करें जिसे हम साझा करते हैं।’’

भाषा

अमित नरेश

नरेश


लेखक के बारे में