भाजपा शासित राज्यों से चुनाव लड़ने से ‘झिझक’ रहे हैं राहुल गांधी : गुलाम नबी आजाद

भाजपा शासित राज्यों से चुनाव लड़ने से 'झिझक' रहे हैं राहुल गांधी : गुलाम नबी आजाद

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  • Publish Date - April 17, 2024 / 10:29 PM IST,
    Updated On - April 17, 2024 / 10:29 PM IST

संगलदान (रामबन), 17 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाजपा के खिलाफ “बहादुरी से लड़ाई” लड़ने के दावों का खंडन करते हुए डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि उनके कार्यों से कुछ और ही पता चलता है और आरोप लगाया कि गांधी भाजपा शासित राज्यों से चुनाव लड़ने में “झिझक” रहे हैं।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि गांधी खासी अल्पसंख्यक आबादी वाले राज्यों में ‘शरण’ चाहते हैं।

आजाद ने गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए उन्हें राजनेता के बजाय ऐसा व्यक्ति बताया जिन्हें “सब कुछ थाली में परोसा हुआ” मिल गया और कहा कि दोनों ने अपने दम पर कुछ नहीं किया है।

उधमपुर लोक सभा क्षेत्र के उखराल इलाके के संगलदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, “भाजपा शासित राज्यों में चुनाव लड़ने से क्यों कतरा रहे हैं राहुल गांधी? गांधी भाजपा से लड़ने का दावा करते हैं, उनकी हरकतें कुछ और ही संकेत देती हैं। भाजपा शासित राज्यों को छोड़कर अल्पसंख्यक बहुल राज्यों में शरण क्यों?”

अपनी पार्टी के उम्मीदवार जी.एम. सरूरी के समर्थन में प्रचार कर रहे आजाद ने सीधे चुनौती देने की “अनिच्छा” और जहां अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है, वहां “सुरक्षित सीटों की तलाश करने की प्रवृत्ति” के लिए पार्टी की आलोचना की।

उन्होंने केरल जैसे राज्यों में “सुरक्षित सीटों” को प्राथमिकता देने का आरोप लगाते हुए जमीन पर भाजपा से लड़ने की कांग्रेस की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया।

कभी नेहरू-गांधी परिवार के करीबी रहे आजाद ने कहा कि गांधी और अब्दुल्ला राजनेता नहीं बल्कि “थाली में परोसा हुआ पाने वाले बच्चे” हैं। उन्होंने कहा, “उन्होंने जीवन में कोई व्यक्तिगत त्याग नहीं किया है और वे केवल इंदिरा गांधी और शेख अब्दुल्ला जैसी शख्सियतों से विरासत में मिली राजनीतिक विरासत का आनंद ले रहे हैं। दोनों ने अपनी ओर से कुछ नहीं किया है।”

उन्होंने कहा, “अब्दुल्ला चिनाब घाटी में भाजपा के नहीं बल्कि डीपीएपी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। उन्हें धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित करने का काम सौंपा गया है। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया।”

भाषा

प्रशांत पवनेश

पवनेश