रांची, 18 अप्रैल (भाषा) मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, लालू प्रसाद, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता सहित 14 राजनीतिक दलों के नेता 21 अप्रैल को यहां विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की उलगुलान न्याय रैली में भाग लेने के लिए सहमत हुए हैं। गठबंधन के नेताओं ने बृहस्पतिवार को ह जानकारी दी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व में यह रैली रांची के प्रभात तारा मैदान में होगी। गठबंधन के नेताओं ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि 28 पार्टियों ने रैली को समर्थन किया है और राज्य भर के पांच लाख से अधिक लोग इसमें भाग लेंगे।
झामुमो महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बुधवार तक 14 दलों के नेताओं ने अपनी सहमति दे दी थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने रैली में शामिल होने की पुष्टि कर दी है।
झामुमो नेता ने कहा, ‘राजद प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी रैली में शामिल होने के लिए सहमति दे दी है।’
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता और आम आदमी पार्टी (आप) से संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ’ब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) से प्रियंका चतुर्वेदी, भाकपा (माले) से दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य नेता भी रैली में भाग लेंगे।
इससे पहले, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रैली की तैयारियों को लेकर ‘इंडिया’ समूह के सदस्यों के साथ बैठक की।
सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह रैली केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों एवं मूलवासियों पर हो रहे अत्याचारों तथा उन्हें जल, जंगल व जमीन से दूर करने की साजिश का पर्दाफाश करेगी।’’
उन्होने कहा, ‘‘विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल तथा झूठे आरोपों द्वारा उन्हें बदनाम करने की रणनीति को देश समझ चुका है और आगामी चुनावों में जनता उन्हें जवाब देगी।’’
इस बीच, झारखंड भाजपा ने ‘इंडिया’ की रैली को ‘ग्रेट फेमिली गेट टुगेदर शो’ करार दिया।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह ऐसी पार्टियों का समूह है जो अपने परिवारों को बढ़ाना चाहती हैं। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान से डरकर वे लोग एक मंच पर आए हैं।’
भाषा अविनाश माधव
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