राजीव गांधी हत्याकांड मामला : नलिनी की याचिका पर केंद्र, तमिलनाडु को न्यायालय का नोटिस |

राजीव गांधी हत्याकांड मामला : नलिनी की याचिका पर केंद्र, तमिलनाडु को न्यायालय का नोटिस

राजीव गांधी हत्याकांड मामला : नलिनी की याचिका पर केंद्र, तमिलनाडु को न्यायालय का नोटिस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : September 26, 2022/2:10 pm IST

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन की समय से पहले रिहाई की मांग से जुड़ी याचिका पर सोमवार को केंद्र और तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करते हुए याचिका पर उनका जवाब मांगा।

शीर्ष अदालत ने मामले में दोषी ठहराए गए आर पी रविचंद्रन की याचिका पर भी नोटिस जारी किए।

नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय के 17 जून के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें समय पूर्व रिहाई के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था और दोषी ठहराए गए ए जी पेरारीवलन की रिहाई को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लेख किया था।

उच्च न्यायालय ने 17 जून को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी श्रीहरन और रविचंद्रन की याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें राज्य के राज्यपाल की सहमति के बिना उनकी रिहाई का आदेश दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने उनकी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि उच्च न्यायालयों के पास संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत ऐसा करने की शक्ति नहीं है। उच्चतम न्यायालय के पास अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्ति है।

संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। पेरारिवलन जेल में 30 साल से ज्यादा की सजा काट चुके थे।

तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई, 1991 की रात को एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। आत्मघाती हमलावर की पहचान धनु के रूप में हुई थी।

इस पूरी साजिश में नलिनी की को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी जिसे 2001 में यह देखते हुए उम्र कैद में बदल दिया गया था कि उसकी एक बेटी भी है।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

 

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