राजकोट ‘गेम जोन’ का साझेदार गिरफ्तार, मामले में तीसरी गिरफ्तारी

राजकोट ‘गेम जोन’ का साझेदार गिरफ्तार, मामले में तीसरी गिरफ्तारी

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  • Publish Date - May 27, 2024 / 06:54 PM IST,
    Updated On - May 27, 2024 / 06:54 PM IST

राजकोट, 27 मई (भाषा) गुजरात के राजकोट में एक ‘गेम जोन’ में आग लग जाने पर बच्चों सहित 27 लोगों की मौत होने के मामले में पुलिस ने सोमवार को एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा, ‘‘राजकोट पुलिस ने गेम जोन का संचालन करने वाली रेसवे इंटरप्राइज के एक साझेदार राहुल राठौर को गिरफ्तार किया है। मामले में गिरफ्तार किया गया वह तीसरा आरोपी है।’’

पुलिस ने घटना के सिलसिले में दो व्यक्तियों को इससे पहले गिरफ्तार किया था।

घटना के सिलसिले में टीआरपी ‘गेम जोन’ के छह साझेदारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोपों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

राजकोट तालुका पुलिस ने मामले में धवल कॉरपोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, और रेसवे इंटरप्राइज के साझेदार अशोक सिंह जडेजा, किरितसिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराजसिंह सोलंकी तथा राहुल राठौर को आरोपी बनाया है।

रविवार को पुलिस ने एक साझेदार युवराजसिंह सोलंकी और मनोरंजन स्थल के प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया था।

अधिकारी ने कहा कि तीनों आरोपियों को शाम में अदालत में पेश किये जाने की संभावना है।

‘गेम जोन’ में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन व्यक्ति झुलस गए।

प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का उपयोग करके लगभग दो-तीन मंजिला ऊंचा, 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा बना रखा था।

इसमें कहा गया कि संचालकों के पास उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे और उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं ले रखा था।

इस बीच, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आगे की जांच के लिए ‘गेम जोन’ की सभी फाइल जब्त कर ली है।

उन्होंने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी मौजूदगी में एसआईटी ने सड़क एवं भवन निर्माण, पुलिस और राजकोट नगर निगम सहित विभिन्न विभागों से 2021 से 2024 तक की सभी संबद्ध फाइल जब्त की है। हम दोषी पाये जाने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे।’’

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप