नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) राजस्थान स्थित रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को भारत के 52वें बाघ अभयारण्य के रूप में सोमवार को अधिसूचित किया गया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह जानकारी दी।
रणथम्भौर, सरिस्का और मुकुंदरा के बाद राजस्थान में यह चौथा बाघ अभयारण्य है।
मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य को आज अधिसूचित किया गया है। भारत का 52वां अभयारण्य जैव विविधता का संरक्षण करेगा और इस क्षेत्र में पारिस्थितिक पर्यटन एवं विकास लाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम हमारे वन्य जीवन को संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य प्राधिकरण (एनटीसीए) ने रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य और इससे जुड़े इलाकों को बाघ अभयारण्य बनाने के लिए पिछले साल पांच जुलाई को सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी।
यादव ने ट्वीट किया, ‘‘नए अधिसूचित बाघ अभयारण्य में पूर्वोत्तर में रणथम्भौर बाघ अभयारण्य और दक्षिण की तरफ मुकुंदरा हिल्स बाघ अभयारण्य के बीच बाघों का अधिवास शामिल है और यह रणथम्भौर बाघ अभयारण्य से बाघों के आवागमन की सुविधा प्रदान करता है।’’
उन्होंने कहा कि इस नए बाघ अभयारण में फूलों की विविधता इसे अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है। उन्होंने कहा कि भीमलत एवं रामगढ़ महल जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देंगे तथा स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे।
रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य में भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भालू, सुनहरा सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2019 में जारी ‘भारत में बाघों की स्थिति’ रिपोर्ट के अनुसार, देश के 20 राज्यों में 2,967 बाघ हैं।
भाषा सिम्मी सुभाष
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