नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने जीवन और कैरियर के दौरान हुए नाटकीय घटनाक्रमों को पुस्तक का स्वरूप दिया है। इसमें ‘कुख्यात’ संवाददाता सम्मेलन, यौन उत्पीड़न के आरोप और टेबलॉयड पत्रकारिता के प्रभाव से जुड़ी घटनाएं भी शामिल की गई हैं।
प्रकाशक रूपा ने गोगोई को ‘‘विरोधाभासों का आकर्षक व्यक्तित्व बताया है जिनकी राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में पैनी नजर रही’’ और जिनकी कहानी ‘‘स्पष्ट, प्रेरक एवं प्रभावशाली’’ है।
गोगोई ने ‘‘जस्टिस फॉर द जज’’ पुस्तक में अपने जीवन की नाटकीय कहानियों, असम के डिब्रूगढ़ से उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश तक के सफर, ऐतिहासिक मामलों और न्यायिक महत्वाकांक्षाओं का वर्णन किया है। उन्होंने देश की कानूनी प्रणाली के बारे में जो सबक सीखे, इसका भी खुलासा किया है।
आठ दिसंबर को जारी होने वाली पुस्तक में गोगोई ने महत्वपूर्ण बैठकों, गहन वार्ताओं और निजी लड़ाईयों आदि का जिक्र किया है। इसमें राफेल, राहुल गांधी के खिलाफ शुरू की गई अवमानना कार्यवाही, सबरीमला, एनआरसी और अयोध्या पर फैसलों का भी वर्णन है।
गोगोई तीन अक्टूबर 2018 से 17 नवंबर 2019 तक भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश थे।
भाषा नीरज नीरज नरेश
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