Rape case will be registered against BJP leader Shahnawaz Hussain

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दर्ज होगा दुष्कर्म का केस, हाईकोर्ट ने दिए आदेश

BJP leader shahnawaz hussain : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शाहनबाज हुसैन की मुश्किलें बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने खिलाफ महिला

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : August 18, 2022/10:24 am IST

नई दिल्ली : BJP leader shahnawaz hussain: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शाहनबाज हुसैन की मुश्किलें बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला से दुष्कर्म करने के आरोप में दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए है। साथ ही कोर्ट ने तीन महीने में जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल करने का भी आदेश दिया है। महिला ने 2018 में पूर्व केंद्रीय मंत्री हुसैन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

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पुलिस को तीन महीने में देनी होगी रिपोर्ट

BJP leader shahnawaz hussain:  इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस आशा मेनन ने ‘दिल्ली पुलिस को तीन माह के भीतर मामले की जांच करने और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत संबंधित अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि जून 2018 में पुलिस आयुक्त से शिकायत प्राप्त होने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस के पास समझाने के लिए बहुत कुछ है।’

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जस्टिस आशा मेनन ने कहा ये….

BJP leader shahnawaz hussain:  जस्टिस मेनन ने कहा है कि ‘ ऐसा लगता है कि पुलिस याचिकाकर्ता हुसैन के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने में भी पूरी तरह से हिचक रही है।’ न्यायालय के केहा है कि प्राथमिकी के अभाव में, जैसा कि विशेष न्यायाधीश (ट्रायल कोर्ट) ने सही ढंग देखा कि पुलिस सिर्फ वही कर सकती थी, जो प्रारंभिक जांच है। इस मामले में न्यायालय ने पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाया। न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के निलची अदालत के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता हुसैन की अपील को आधारहीन बताकर खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

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केस दर्ज करने में हिचक रही है दिल्ली पुलिस

BJP leader shahnawaz hussain:  जस्टिस मेनन ने कहा है कि ‘ ऐसा लगता है कि पुलिस याचिकाकर्ता हुसैन के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने में भी पूरी तरह से हिचक रही है।’ न्यायालय के केहा है कि प्राथमिकी के अभाव में, जैसा कि विशेष न्यायाधीश (ट्रायल कोर्ट) ने सही ढंग देखा कि पुलिस सिर्फ वही कर सकती थी, जो प्रारंभिक जांच है। इस मामले में न्यायालय ने पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाया। न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के निलची अदालत के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता हुसैन की अपील को आधारहीन बताकर खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

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निचली अदालत के आदेश में नहीं है कोई खामी

BJP leader shahnawaz hussain:  उन्होंने इसके साथ ही दिल्ली पुलिस को तीन माह के भीतर मामले की जांच करने और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत संबंधित अदालत में रिपोर्ट ल(आरोपपत्र) दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने 14 पन्नों के फैसले में कहा है कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा याचिकाकर्ता हुसैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश देने के निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है।

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न्यायालय ने अपने फैसले में कहा ये

BJP leader shahnawaz hussain:  न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ‘ मामले में विशेष न्यायाधीश के निर्णय में भी कोई त्रुटि नहीं है कि पुलिस की जांच रिपोर्ट प्रारंभिक प्रकृति की होने के कारण इसे रद्दीकरण रिपोर्ट के रूप में नहीं माना जा सकता है।’ उच्च न्यायालय ने कहा है कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और पूरी जांच करने के बाद सीआरपीसी की धारा 173 के तहत संबंधित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष तय प्रारूप में रिपोर्ट जमा करनी होगी। न्यायालय ने कहा है कि ‘निस्संदेह, इसके बाद संबंधित मजिस्ट्रेट कानून के अनुसार यह निर्धारित करने के लिए आगे बढ़ेंगे कि क्या अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करना है या नहीं।

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दिल्ली पुलिस ने दे दी थी क्लीनचिट

BJP leader shahnawaz hussain:  भाजपा नेता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायालय को बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनके मुवक्किल को क्लीनचिट दे दी थी, बावजूद इसके मजिस्ट्रेट ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। लूथरा ने न्यायालय को यह भी बताया था कि अदालत में महिला की शिकायत पर पुलिस के जवाब को रद्द करने की रिपोर्ट के रूप में माना जाना चाहिए क्योंकि किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हुई है।

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न्यायालय ने ख़ारिज की भाजपा नेता की याचिका

BJP leader shahnawaz hussain:  हालांकि, न्यायालय ने पुनरीक्षण आदेश के खिलाफ भाजपा नेता ‌अपील को खारिज करते हुए कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निचली अदालत द्वारा जारी निर्देशों को शायद ही एक अनियमितता के रूप में वर्णित किया जा सकता है और इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।’ उच्च न्यायालय ने कहा है कि निचली अदालत द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने वाले आदेशों में कोई दुर्भावना नहीं थी। न्यायालय ने कहा है कि निचली अदालत द्वारा महिला की शिकायत पर जवाब को क्लोजर रिपोर्ट मानने का कोई कारण नहीं था, जबकि प्राथमिकी दर्ज ही नहीं की गई थी। लूथरा ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए कहा था कि महिला के आरोपों को टेंट हाउस वाले अन्य ने भी समर्थन नहीं किया है।

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क्या है पूरा मामला जाने यहां

BJP leader shahnawaz hussain:  भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन के खिलाफ दिल्ली की एक महिला ने 12 अप्रैल, 2018 को छतरपुर के एक फार्म हाउस में नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। महिला ने इस बारे में दिल्ली पुलिस में शिकायत की, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने के बाद उसने अदालत में अर्जी दाखिल कर भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस मामले में, साकेत जिला अदालत स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 7 जुलाई, 2018, को दिल्ली पुलिस को भाजपा नेता शहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म व अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

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