आपदाओं से निपटने के लिए मंत्रालयों की जिम्मेदारी तय
आपदाओं से निपटने के लिए मंत्रालयों की जिम्मेदारी तय
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उनकी (आपदा) निगरानी, पूर्व चेतावनी, रोकथाम, परेशानियों को कम करने और तैयारी के लिए विशिष्ट मंत्रालयों और विभागों को नामित किया है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपदाओं के दौरान न्यूनतम असुविधा और कम से कम जनहानि हो।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि हिमस्खलन और तेल रिसाव जैसी आपदाओं से निपटने की जिम्मेदारी अब रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है जबकि शीतलहर, चक्रवात, बवंडर, भूकंप, लू, आकाशीय बिजली, सुनामी, ओलावृष्टि और भारी वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व चेतावनी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा जारी की जाएगी। इसके अलावा, जैविक आपदाओं से संबंधित मामलों की देखरेख स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय करेगा।
इसमें कहा गया कि पाला, शीतलहर, सूखा, ओलावृष्टि और कीट हमलों जैसी आपदाओं से निपटने की जिम्मेदारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को सौंपी गई है। जल शक्ति मंत्रालय को बाढ़ और हिमनदी झील फटने से आई बाढ़ की स्थिति में कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गई है जबकि शहरी बाढ़ से संबंधित मामलों (पूर्व चेतावनी को छोड़कर) की देखरेख आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय करेगा।
अधिसूचना में कहा गया कि जंगल में लगी आग, औद्योगिक और रासायनिक आपदाओं से निपटने की जिम्मेदारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को सौंपी गई है। भूस्खलन की स्थिति में खान मंत्रालय कार्रवाई करेगा, जबकि परमाणु और विकिरण आपात स्थितियों की देखरेख परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा की जाएगी।
इसमें कहा गया, ‘‘आपदा प्रबंधन अधिनियम (2005) के तहत केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए मंत्रालयों और विभागों की जिम्मेदारियां तय कर दी हैं। अधिसूचना के अनुसार, अब संबंधित मंत्रालयों को आपदाओं की निगरानी, पूर्व चेतावनी, रोकथाम, परेशानियों को कम करने, तैयारी और क्षमता निर्माण जैसे कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है। ’’
भाषा
प्रीति नरेश
नरेश

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