(फोटो के साथ)
( अन्य जानकारी और ओवैसी का बयान जोड़ते हुए )
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को एक मस्जिद और मदरसे का दौरा किया और ऑल इडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख के साथ चर्चा की। इमाम संगठन के प्रमुख ने दोनों की मुलाकात के बाद भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ कहा।
आरएसएस के ‘सरसंघचालक’ मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित एक मस्जिद में गए और उसके बाद उन्होंने उत्तरी दिल्ली के आजादपुर में मदरसा तजावीदुल कुरान का दौरा भी किया।
भागवत के साथ दौरे में मौजूद संघ के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहला मौका है जब सरसंघचालक ने किसी मदरसे का दौरा किया है।
आरएसएस पदाधिकारी के अनुसार, मदरसे के दौरे पर भागवत ने वहां के बच्चों से बातें कीं और उन्हें कुरान पढ़ते हुए सुना। उन्होंने बताया कि बच्चों ने ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिन्द’ के नारे भी लगाए।
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने मदरसे के बच्चों से बातचीत के दौरान भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ बताया। उन्होंने बताया, हालांकि, भागवत ने तत्काल टोका और कहा कि देश में एक ही राष्ट्रपिता हैं और बाकी सभी ‘भारत की संतानें’ हैं।
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन भारत में इमामों का प्रतिनिधि संगठन है और दुनिया में इमामों का सबसे बड़ा सगठन होने का दावा करता है।
इलियासी और भागवत के बीच मस्जिद में करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। इसी मस्जिद में ऑल इडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन का दफ्तर और इलियासी का आवास भी है।
इलिसासी ने कहा भागवत उनके न्योते पर मस्जिद और मदरसे का दौरा करने आए हैं। उन्होंने ‘पीटीआई’ से बातचीत में कहा, ‘‘वह ‘राष्ट्रपिता’ हैं। हमने देश को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।’’
आरएसएस प्रमुख की बातों से सहमति जताते हुए इलियासी ने कहा, ‘‘भागवत के इस दौरे से संदेश जाना चाहिए कि भारत को मजबूत बनाने के लक्ष्य से हम सभी मिलकर काम करना चाहते हैं। हम सभी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। हमारा डीएनए समान है, सिर्फ हमारा धर्म और इबादत के तौर-तरीके अलग-अलग हैं।’’
भागवत के साथ संघ के प्रमुख पदाधिकारी भी आए थे, जिनमें महासचिव कृष्ण गोपाल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक इन्द्रेश कुमार भी शामिल थे।
दौरे के बाद एक बयान में आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर ने कहा, ‘‘सरसंघचालक जीवन के सभी तबकों/हिस्सों से आने वाले लोगों से मिलते हैं। यह सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है।’’
आरएसएस प्रमुख का यह दौरा ऐसे वक्त पर हुआ है जब कई जांच एजेसियां देश भर में छापे मार रही हैं और देश में कथित रूप से आतंकवादी गतिविधियों में साथ देने के आरोप मे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इडिया के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार की चुकी हैं।
मुसलमान बुद्धिजीवियों और मौलवियों के साथ भागवत की मुलाकात के सबंध में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सभी को संघ की विचारधारा का ज्ञान है और ये मुसलमान बुद्धिजीवी भागवत से मिल रहे हैं। उनका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।’’
आरएसएस प्रमुख साम्प्रदायिक सौहार्द्र को मजबूत करने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
उन्होंने हाल में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और कारोबारी सईद शेरवानी से मुलाकात की थी।
बताया जाता है कि इस मुलाकात में भागवत ने हिंदुओं के लिए ‘‘काफिर’’ शब्द के इस्तेमाल के मुद्दे को उठाया और कहा कि इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है। वहीं, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा मुसलमानों को ‘‘जिहादी’’ तथा ‘‘पाकिस्तानी’’ बताए जाने पर आपत्ति जतायी थी।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भागवत को यह भी बताया था कि ‘काफिर’ शब्द के इस्तेमाल के पीछे मकसद कुछ और है लेकिन कुछ वर्गों में अब इसे ‘‘अपशब्द’’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
आरएसएस प्रमुख ने बुद्धिजीवियों की चिंताओं का संज्ञान लिया और इस बात को रेखांकित किया कि ‘‘सभी हिंदुओं तथा मुसलमानों का डीएनए एक ही है।’’
भाषा अर्पणा माधव
माधव
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