कुछ सूचना आयोगों में आरटीआई अपील की सुनवाई में दशकों लग सकते हैं: रिपोर्ट
कुछ सूचना आयोगों में आरटीआई अपील की सुनवाई में दशकों लग सकते हैं: रिपोर्ट
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) तेलंगाना राज्य सूचना आयोग में एक जुलाई को दायर की गई अपील या शिकायत पर लगभग 29 साल बाद 2054 में सुनवाई हो सकती है। एक स्वयंसेवी समूह ने बृहस्पतिवार को देश भर के सूचना आयोगों की मासिक निपटान दर का विश्लेषण करने के बाद यह बात कही।
सतर्क नागरिक संगठन द्वारा प्रकाशित देश भर के सूचना आयोगों के ‘रिपोर्ट कार्ड’ में कहा गया है कि भारत भर के सूचना आयोगों में 4 लाख से ज़्यादा मामले लंबित हैं।
समूह ने सूचना के अधिकार अधिनियम के उपयोगकर्ता द्वारा दायर की गई अपील या शिकायत के निपटारे में लगने वाले समय का अनुमान लगाने के लिए प्रत्येक सूचना आयोग की मासिक निपटान दर और क्षमता का विश्लेषण किया।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तेलंगाना राज्य सूचना आयोग को अनुमानित 29 साल और 2 महीने लगेंगे। 1 जुलाई, 2025 को दायर किए गए मामले का निपटारा वर्ष 2054 में होगा। त्रिपुरा राज्य सूचना आयोग को मामले के निपटारे में अनुमानित 23 साल लगेंगे और छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग को 11 साल लगेंगे। मध्य प्रदेश और पंजाब राज्य सूचना आयोग को 7 साल लगेंगे।’’
आकलन से पता चलता है कि 18 आयोगों को एक जुलाई को दायर की गई एक अपील और शिकायत का निपटारा करने में एक वर्ष से अधिक समय लगेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार 69 प्रतिशत सूचना आयोग इस कानून के तहत अनिवार्य दायित्व को पूरा करने में विफल पाए गए।
समूह ने कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 25 के तहत प्रत्येक आयोग को हर साल इस अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर एक रिपोर्ट तैयार करनी होती है, जिसे संसद या राज्य विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है।
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश

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