मुस्लिम लीग को लेकर केरल में सत्ताधारी एलडीएफ ने दिए रुख में बदलाव के संकेत

मुस्लिम लीग को लेकर केरल में सत्ताधारी एलडीएफ ने दिए रुख में बदलाव के संकेत

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  • Publish Date - April 20, 2022 / 07:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 20 अप्रैल (भाषा) इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के प्रति अपने सामरिक दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत देते हुए, केरल में माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने बुधवार को राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ में प्रमुख साझेदार के प्रति नरमी के संकेत दिए। एलडीएफ संयोजक ई पी जयराजन ने बुधवार को आईयूएमएल को वामपंथी गठबंधन में शामिल करने के सवाल पर नकारात्मक जवाब देने से इनकार करते हुए कहा कि सत्ताधारी मोर्चे का जनाधार बढ़ाना उसकी नीति है।

एलडीएफ के संयोजक के रूप में नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद माकपा की केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य जयराजन ने कहा कि कांग्रेस केरल में मुस्लिम लीग के समर्थन के बिना एक भी सीट नहीं जीत पाएगी जिसका राज्य के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ‘वोट बैंक’ है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा मुस्लिम लीग को अक्सर एक सांप्रदायिक संगठन के रूप में वर्णित किया जाता रहा है, ऐसे में जाहिरा तौर पर रुख में नरमी का संकेत देते हुए जयराजन ने कहा कि प्रमुख यूडीएफ सहयोगी (मुस्लिम लीग) में एलडीएफ सरकार की नीतियों का समर्थन करने वाला एक वर्ग है।

जयराजन ने एक समाचार चैनल से कहा, “कांग्रेस केवल मुस्लिम लीग के समर्थन पर जीवित है। कांग्रेस अगर अकेले चुनाव में उतरती है तो वह केरल में एक भी सीट नहीं जीतेगी। ऐसे में, मुस्लिम लीग सोचेगी कि यूडीएफ का हिस्सा होने का क्या फायदा है।”

उन्होंने कहा कि यूडीएफ मुद्दों (लोगों को प्रभावित करने वाले) को संभालने और सही फैसले लेने की स्थिति में नहीं है और यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले मोर्चे में “स्थिति को और जटिल” करेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या यूडीएफ से बाहर निकलने पर एलडीएफ मुस्लिम लीग को समायोजित करेगा, जयराजन ने कहा, “उन्हें पहले आने दें” और कहा कि “एलडीएफ और उसके जन आधार का विस्तार करना हमारी नीति है”।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा