सबरीमाला सोना मामला: जांच पूरी करने के लिए एसआईटी को और छह हफ्ते का समय मिला

सबरीमाला सोना मामला: जांच पूरी करने के लिए एसआईटी को और छह हफ्ते का समय मिला

सबरीमाला सोना मामला: जांच पूरी करने के लिए एसआईटी को और छह हफ्ते का समय मिला
Modified Date: December 3, 2025 / 09:40 pm IST
Published Date: December 3, 2025 9:40 pm IST

कोच्चि, तीन दिसंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में ‘द्वारपालकों’ की मूर्तियों और ‘श्रीकोविल’ के मुख्य द्वार की चौखट पर सोना चढ़ाने के काम में हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिए गठित एसआईटी को अपनी जांच पूरी करने के लिए बुधवार को और छह सप्ताह का समय दिया।

न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन और न्यायमूर्ति केवी जयकुमार की पीठ ने एसआईटी को “पूरी सावधानी, कड़ी मेहनत और हर कानूनी आवश्यकता पर ईमानदारी से अमल के साथ” जांच को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा कि जांच के दौरान अगर विशेष जांच दल (एसआईटी) को कोई ऐसा पहलू, लेन-देन या भौतिक साक्ष्य मिलता है, जिस पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है या अनदेखा किया गया है, तो उसे उचित रिपोर्ट दाखिल करके तुरंत अदालत के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।

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उसने कहा, “यह निर्देश अनिवार्य हो गया है, क्योंकि जांच का विषय भगवान अयप्पा से जुड़े कीमती सामान और संपत्तियों से संबंधित है, तथा यह सुनिश्चित करना इस अदालत का कर्तव्य है कि ऐसी पवित्र संपत्ति की विधिवत सुरक्षा की जाए।”

पीठ ने एसआईटी के जांच करने के तरीके पर संतुष्टि जताई। उसने कहा कि पांच नवंबर को जारी उसके निर्देशों के अनुपालन में एसआईटी ने मंदिर में सोने की परत चढ़ी कलाकृतियों से नमूने एकत्र किए थे, लेकिन विश्लेषण रिपोर्ट अभी तक दाखिल नहीं की गई है।

एसआईटी ने उच्च न्यायालय को बताया कि फॉरेंसिक विश्लेषण रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की उम्मीद है।

उसने बताया कि चेन्नई में सोने की परत चढ़ाने के लिए ‘श्रीकोविल’ (मंदिर के गर्भगृह का वह स्थान है, जहां भगवान अयप्पा की मूर्ति स्थापित की गई है) के मुख्य द्वार से संबंधित 2018 और 2019 के लेनदेन तथा ‘द्वारपालकों’ की मूर्तियों से जुड़े 2014-2025 के लेनदेन के संबंध में जांच अभी प्रारंभिक अवस्था में है।

एसआईटी ने कहा कि उसने “लेन-देन की मात्रा, जटिलता और परस्पर जुड़ी प्रवृत्ति” को देखते हुए जांच पूरी करने के लिए और समय दिए जाने का अनुरोध किया है।

उच्च न्यायालय ने प्रगति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा कि “जांच के अधीन आरोपों के पैमाने, गंभीरता और संभावित प्रभाव” को देखते हुए एसआईटी की ओर से मांगा गया समय “उचित और दिए जाने योग्य है।”

उसने कहा, “तदनुसार, एसआईटी को जांच पूरी करने के लिए और छह हफ्ते का समय दिया जाता है।”

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी 2026 के लिए निर्धारित कर दी।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश


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