संजौली मस्जिद विवाद: देवभूमि संघर्ष समिति ने राज्य सरकार की शवयात्रा निकाली

संजौली मस्जिद विवाद: देवभूमि संघर्ष समिति ने राज्य सरकार की शवयात्रा निकाली

संजौली मस्जिद विवाद: देवभूमि संघर्ष समिति ने राज्य सरकार की शवयात्रा निकाली
Modified Date: November 29, 2025 / 10:14 pm IST
Published Date: November 29, 2025 10:14 pm IST

शिमला, 29 नवंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के संजौली स्थित कथित अवैध मस्जिद को तत्काल सील करने तथा पानी-बिजली की आपूर्ति बंद करने की मांग को लेकर पिछले 12 दिनों से अनशन पर बैठे देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने शनिवार को राज्य सरकार की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली।

समिति ने जिला प्रशासन के साथ शनिवार को प्रस्तावित बैठक का भी बहिष्कार किया।

समिति ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से कोई लिखित आमंत्रण जारी नहीं किया गया। समिति ने संजौली पुलिस चौकी के पास राज्य सरकार का पुतला भी जलाया।

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पिछले शुक्रवार को बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों ने संजौली थाना परिसर के बाहर प्रदर्शन किया था और करीब 10 मिनट तक सड़क अवरुद्ध भी किया, जिसके बाद प्रशासन की ओर से उनकी मांगें मानने के आश्वासन के बाद शनिवार के लिए बैठक तय की गई थी।

समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि “बैठक का आमंत्रण औपचारिक होना चाहिए था।”

उन्होंने प्रशासन पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि समिति ने बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है और चेतावनी दी कि आंदोलन आने वाले दिनों में तेज किया जाएगा।

समिति के सदस्यों ने कहा कि अनशन अब समाप्त कर दिया गया है और वे अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे।

इसी बीच, वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें मस्जिद को अवैध घोषित किया गया था। इस याचिका पर सोमवार को निर्णय आने की संभावना है।

जिला अदालत ने 30 अक्टूबर को शिमला नगर निगम आयुक्त न्यायालय के उस निर्णय को बरकरार रखा था, जिसमें मस्जिद को अवैध करार देते हुए उसे गिराने का आदेश दिया गया था। वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति ने पहले इस आदेश को जिला अदालत में चुनौती दी थी, जिसे अदालत ने खारिज करते हुए 30 दिसंबर तक अवैध ढांचे को हटाने का निर्देश दिया।

समिति ने मुस्लिम समुदाय से शुक्रवार की नमाज के लिए मस्जिद न जाने की अपील की थी। हालांकि कुछ मुस्लिम श्रद्धालु शुक्रवार को मस्जिद पहुंचे। तनाव के बावजूद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

शर्मा ने कहा, “अदालत द्वारा ढांचे को अवैध घोषित करने और उसे गिराने का आदेश देने के बावजूद यहां नमाज अदा की जा रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

समिति पदाधिकारियों ने अपने सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की भी मांग की है। सदस्यों पर एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। 14 नवंबर को समिति के सदस्यों ने कथित रूप से कुछ मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज़ अदा करने से रोका था। दोनों पक्षों के बीच कहासुनी के बाद विवाद बढ़ा और कुछ लोग बिना नमाज अदा किए लौट गए थे।

भाषा

राखी संतोष

संतोष


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