सतीशन ने के-रेल परियोजना को लेकर माकपा पर ‘अति दक्षिणपंथी रूख’ अपनाने का आरोप लगाया |

सतीशन ने के-रेल परियोजना को लेकर माकपा पर ‘अति दक्षिणपंथी रूख’ अपनाने का आरोप लगाया

सतीशन ने के-रेल परियोजना को लेकर माकपा पर ‘अति दक्षिणपंथी रूख’ अपनाने का आरोप लगाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : April 5, 2022/5:16 pm IST

तिरुवनंतपुरम, पांच अप्रैल (भाषा) केरल के कन्नूर जिले में माकपा की पार्टी कांग्रेस से कुछ घंटे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने मंगलवार को के-रेल मुद्दे पर वाम सरकार पर जोरदार हमला बोला और आरोप लगाया कि वह इस मामले पर ‘अति दक्षिणपंथी’ रुख अपना रही है।

कांग्रेस नेता ने सत्तारूढ़ दल को करोड़ो रुपये की अर्ध-हाई स्पीड रेलवे परियोजना के खिलाफ लोगों के विरोध को कमतर करने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि यह केरल में पार्टी के लिए विशानकारी होगा। वह माकपा के नेतृत्व वाली सरकार की के-रेल पहल के खिलाफ सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं, जिसे सिल्वरलाइन नाम से भी जाना जाता है।

सतीशन ने कहा, “माकपा के नेतृत्व वाली सरकार इस मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार के दक्षिणपंथी रास्ते पर चल रही है। भाजपा सरकार ऐसा कर सकती है क्योंकि वह पार्टी अति दक्षिणपंथी है।”

उन्होंने कहा कि माकपा के मौजूदा नेतृत्व में सिर्फ पार्टी नाम मात्र के लिए वामपंथी है और उसकी नीतियां वामपंथ से अति दक्षिणपंथ में बदल गई हैं।

यहां सिल्वरलाइन रेल परियोजना को लेकर राज्य में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए विपक्षी नेता ने कहा कि यह जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ेगा और केरल में माकपा के लिए ‘विनाशकारी’ साबित होगा, ठीक उसी तरह, जैसा कि नंदीग्राम में आंदोलन के बाद पश्चिम बंगाल में उसने अपना आधार खोया था और राज्य से माकपा का तीन दशक का शासन खत्म हो गया था।

वर्ष 2007 में नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के दौरन पुलिस की गोलीबारी में कई किसान मारे गए थे।

सतीशन ने कहा, “हम सिल्वरलाइन के खिलाफ इस जन आंदोलन का समर्थन करते हैं। हमारी पार्टी के लोगों के खिलाफ गैर जमानती मामले दर्ज किए गए हैं। माकपा ने नंदीग्राम और सिंगूर में प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ भी यही किया था। अंत में, यह पश्चिम बंगाल में माकपा के लिए विनाशकारी बन गया। केरल में माकपा के लिए सिल्वरलाइन आंदोलन विनाशकारी होने जा रहा है।”

के-रेल परियोजना के खिलाफ केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के नेतृत्व में भाजपा के आंदोलन की आलोचना करते हुए, सतीशन ने भगवा पार्टी के नेतृत्व से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परियोजना के खिलाफ केरल में हो रहे प्रदर्शनों से अवगत कराने का आग्रह किया और उन्हें यह घोषित करने के लिए राजी करने की गुजारिश की कि इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी जाए।

यह केरल सरकार और रेल मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम है। राज्य में तिरुवनंतपुरम से कासरगोड़ के बीच 530 किलोमीटर के हिस्से में इसका निर्माण किया जाएगा।

भाषा

नोमान नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)