सत्य साईं बाबा जन्मशती: पुट्टपर्थी में जश्न मनाने के लिए दुनिया भर से लोग पहुंच रहे

सत्य साईं बाबा जन्मशती: पुट्टपर्थी में जश्न मनाने के लिए दुनिया भर से लोग पहुंच रहे

सत्य साईं बाबा जन्मशती: पुट्टपर्थी में जश्न मनाने के लिए दुनिया भर से लोग पहुंच रहे
Modified Date: November 8, 2025 / 12:27 pm IST
Published Date: November 8, 2025 12:27 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश), आठ नवंबर (भाषा) पुट्टपर्थी में सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर देश विदेश से उनके भक्त और अनुयायी सत्य साईं बाबा के मुख्य आश्रम और समाधि मंदिर प्रशांति निलयम में जुटने लगे हैं। यह समारोह 13 से 24 नवंबर तक आयोजित होगा। समारोह में 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे।

इस समारोह में शामिल होने के लिए स्विट्जरलैंड से आई ऐलेना ने कहा, “जब मैं इस आश्रम में आती हूं तो मुझे ऐसा महसूस होता है जैसे मैं अपने घर वापस आ गई हूं। मैं बाबा के जन्मदिन के लिए लगभग एक महीने से यहां हूं।”

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साईं बाबा के निधन के 14 साल बाद भी उनके सार्वभौमिक आध्यात्मिक उपदेश और ‘सेवा’ का संदेश देश और दुनिया भर के लोगों को पुट्टपर्थी की ओर आकर्षित कर रहा है। यह उनके जन्म और अंतिम विश्राम दोनों का स्थान है।

इस आयोजन में लगभग 140 देशों के भक्त एक साथ आ रहे हैं।

बाबा के 2011 में महा समाधि लेने के बाद यह उनका 100वां जन्मदिन समारोह है। जिसे ‘श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसे अबतक का सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है।

रूस की रहने वाली दारिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘मैं यहां आकर बहुत धन्य महसूस कर रही हूं क्योंकि यह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर बाबा के इस 100वें जन्मदिन के लिए।’

ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी आर.जे. रत्नकार के अनुसार, पुट्टपर्थी के प्रशांति निलयम आने वाले लोगों की संख्या उस समय की तुलना में अधिक है जब बाबा व्यक्तिगत रूप से यहां मौजूद थे। इसका अर्थ है कि उनका मिशन आगे बढ़ रहा है और यह भरोसा और आत्मविश्वास देता है।

समारोह में बड़ी संख्या हिस्सा ले रहे लोगों के लिए मुफ्त भोजन और ठहरने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जिसके लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों और अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले ‘सेवा दल’ के नाम से जाने जाने वाले स्वयंसेवकों की सेना भी भीड़ प्रबंधन सहित अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एकत्र हो रही है।

प्रबंध न्यासी रत्नकार ने बताया कि सत्य साईं बाबा ने आध्यात्मिकता को सामुदायिक सेवा से जोड़ा था।

भाषा

प्रचेता प्रशांत

प्रशांत


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