Creamy Layer on ST and SC: क्या एसटी-एससी वर्ग में भी होगी ‘क्रीमी लेयर’ की व्यवस्था?.. सुको ने स्वीकार की याचिका, अक्टूबर में होगी सुनवाई
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। न्यायालय ने साफ कहा कि ये अत्यंत संवेदनशील विषय है और इस पर सोच-समझकर निर्णय लेना होगा।
Creamy Layer on ST and SC || Image- The Hans India
- सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी क्रीमी लेयर पर सुनवाई।
- आरक्षण का लाभ केवल गरीबों-पिछड़ों तक सीमित हो।
- सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा संवेदनशील मुद्दे पर जवाब।
Creamy Layer on ST and SC: नई दिल्ली: भारत के उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण प्रकरण पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी है। यह प्रकरण अनुसूचित जाति-जनजाति के भीतर ‘क्रीमी लेयर’ लागू किये जाने से जुड़ा है। याचिका में कहा गया है कि, सरकारी नौकरी और सरकारी कॉलेजों में मिलने वाला रिजर्वेशन का फायदा उन्हें हासिल होना चाहिए जो आज भी अपनी जाति में सबसे ज्यादा गरीब और बैकवर्ड यानी पिछड़े हैं। इस तरह जो पहले से ही आरक्षण का लाभ उठाकर आगे बढ़ चुके हैं, क्या उन्हें अब भी आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं।
पिछड़ों को नुकसान
दरअसल इस संबंध में याचिका दायर हुए कहा गया था कि, समाज के सबसे पिछड़े तबके को आरक्षण का फायदा मिलना चाहिए। अमूमन देखा गया है कि आरक्षित वर्ग एसटी, एससी और ओबीसी में भी कई अहम पदों पर बैठे लोग इसका लाभ ले लेते है जिस वजह से समाज के सबसे गरीब और पिछड़ों को इसका फायदा नहीं मिल पाता।
अत्यंत संवेदनशील मुद्दा
Creamy Layer on ST and SC: जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। न्यायालय ने साफ कहा कि ये अत्यंत संवेदनशील विषय है और इस पर सोच-समझकर निर्णय लेना होगा। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आरक्षण के कारण अजा, अजजा और अपिव समुदाय के कई लोग अब अच्छी सरकारी नौकरियों में हैं, उनके पास अच्छा घर, शिक्षा और सुविधाएं हैं। ऐसे में अब ये सोचना जरूरी है कि क्या उन्हें अभी भी उसी तरह आरक्षण मिलता रहना चाहिए, जबकि उनकी ही जाति के बाकी लोग अभी भी गरीब हैं और पिछड़ेपन से जूझ रहे हैं।

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