नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारत सरकार को निर्देश दिया कि असम के एक निरुद्ध केंद्र में बंद ऐसे 17 विदेशियों को निर्वासित किया जाए जिनके खिलाफ कोई अपराध पंजीकृत नहीं है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जमा की गई एक रिपोर्ट पर संज्ञान लिया जिसमें कहा गया है कि असम के निरुद्ध (डिटेंशन) केंद्र में 17 घोषित विदेशी हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारी राय है कि भारत सरकार को इन 17 विदेशियों को निर्वासित करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कोई अपराध पंजीकृत नहीं हैं।’’
शीर्ष अदालत ने सालों से ऐसे निरुद्ध केंद्रों में बड़ी संख्या में विदेशियों के होने का संज्ञान लेते हुए अप्रैल में असम के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से दो साल से अधिक समय से बंद विदेशियों की जानकारी मांगी थी।
न्यायालय राज्य के निरुद्ध केंद्रों में दो साल से अधिक समय से बंद लोगों की रिहाई के अनुरोध वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
भाषा वैभव नरेश
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