नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने देश में मादक पदार्थ से संबंधित माफिया नेटवर्क के खतरे को लेकर उसे प्राप्त एक पत्र पर संज्ञान लेने के बाद सोमवार को केंद्र से जवाब तलब किया।
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण को एक पत्र लिखा गया था, जिन्होंने पिछले साल 17 नवंबर को निर्देश दिया था कि इसे एक स्वत: संज्ञान मामले में परिवर्तित किया जाए, और इस मामले का शीर्षक दिया गया था : “द मेनेस ऑफ ड्रग माफिया नेटवर्क ऑपरेटिंग इन द कंट्री।’’
पीठ ने वकील शोएब आलम को सहायता के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया और उन्हें अपनी पसंद के एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) की सहायता लेने की छूट दी।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘सत्रह नवंबर, 2021 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखे गए कार्यालय नोट को स्वत: संज्ञान वाली रिट याचिका में बदल दिया गया है। स्थिति की गंभीरता और इस न्यायालय के समक्ष मौजूद तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, हमने शोएब आलम से न्याय मित्र के रूप में सहायता का आग्रह किया है और उन्होंने इस प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है।’’
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “इस स्तर पर हम केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हैं। हम अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को भी नोटिस जारी करते हैं।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है।
भाषा सुरेश मनीषा
मनीषा
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