गोवध की रोकथाम, गोवंश संरक्षण के लिए लोकसभा में कई सांसदों ने पेश किये निजी विधेयक

गोवध की रोकथाम, गोवंश संरक्षण के लिए लोकसभा में कई सांसदों ने पेश किये निजी विधेयक

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  • Publish Date - December 5, 2025 / 07:11 PM IST,
    Updated On - December 5, 2025 / 07:11 PM IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) गोवध पर प्रतिबंध और गोवंश संरक्षण के लिए शुक्रवार को लोकसभा में कई सदस्यों ने गैर-सरकारी विधेयक पेश किए। इसके अलावा पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम, देश में मृत्युदंड समाप्त करने और ‘डीपफेक’ तकनीक को विनयमित करने के प्रावधान वाले निजी विधेयक भी प्रस्तुत किए गए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे ने गो संरक्षण विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य एक प्राधिकरण की स्थापना करना है ताकि गोवंश की आबादी के स्थिरीकरण को सुनिश्चित किया जा सके।

शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने गायों और गोवंश की रक्षा करने, स्वदेशी गाय नस्लों को बढ़ावा देने, तथा उनके संरक्षण और कल्याण के लिए एक ढांचा स्थापित करने तथा उससे संबंधित विषयों के वास्ते गो रक्षा कल्याण एवं संरक्षण विधेयक, 2025 पेश किया।

भाजपा के भर्तृहरि महताब ने गोवंश सहित मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाने, मवेशियों की नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक व्यापक कानून बनाने के उद्देश्य से पशु वध निषेध एवं मवेशी संरक्षण विधेयक, 2024 पेश किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने ‘कार्य समय के बाद संपर्क नहीं करने के अधिकार वाला विधेयक, 2025’ पेश किया जिसमें कर्मचारियों को कामकाज के घंटों के बाद कार्य संबंधी फोन और ईमेल पर ध्यान नहीं देने के अधिकार का प्रस्ताव किया गया है।

भाजपा के दामोदर अग्रवाल ने हिंदू धार्मिक उपासना स्थलों के 100 वर्ग मीटर क्षेत्र के भीतर मांस एवं अन्य गैर-शाकाहारी खाद्य पदार्थों के विपणन, वध, व्यापार, पकाने, परोसने और उपभोग पर प्रतिबंध लगाने से जुड़े विषयों के लिए एक निजी विधेयक पेश किया।

द्रमुक की के. कनिमोई ने देश में मृत्युदंड को समाप्त करने के प्रस्ताव वाला मृत्युदंड (उन्मूलन) विधेयक, 2025 सदन में पेश किया।

निर्दलीय सदस्य विशालदादा पाटिल ने पत्रकार (हिंसा रोकथाम और सुरक्षा) विधेयक, 2024 पेश किया, जिसका उद्देश्य पत्रकारों के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम और पत्रकारों तथा उनकी संपत्ति की सुरक्षा का प्रावधान करना है।

कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने तामिलनाडु राज्य को स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट देने से संबंधित ‘राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) से तमिलनाडु राज्य को छूट के लिए विधेयक, 2024’ पेश किया।

भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने सरीसृपों के काटने की घटनाओं की रोकथाम, सरीसृपों के काटने के पीड़ितों के लिए उपचार सुविधाओं में सुधार के लिए सर्प दंश (रोकथाम और उपचार) और सरीसृप संरक्षण विधेयक, 2025 पेश किया।

रूडी ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 में संशोधन करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य (संशोधन) विधेयक 2024, (धारा दो आदि का संशोधन) भी पेश किया।

भाजपा के जगदंबिका पाल ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 में संशोधन करने के लिए ‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया।

द्रमुक की टी सुमति ने भी डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2024 (धारा 2 आदि में संशोधन) पेश किया।

शिवेसना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने डीपफेक विनियमन विधेयक, 2024 पेश किया जिसका उद्देश्य ‘डीपफेक’ तकनीक के निर्माण और उपयोग को विनियमित करना, इसके अनुप्रयोग के लिए कानूनी सीमाएं सुनिश्चित करना है।

भाजपा की भारती पारधी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए आचार और उत्तरादायित्व रूपरेखा स्थापित करने वाला निजी विधेयक पेश किया।

निर्दलीय सदस्य विशालदादा प्रकाशभाउ पाटिल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें

और पदावधि) अधिनियम, 2023 में संशोधन के लिए एक गैर-सरकारी विधेयक पेश किया।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने दलबदल से संबंधित संविधान (संशोधन) विधेयक 2025 (दसवीं अनुसूची का संशोधन) पेश किया किया।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की शांभवी ने कामकाजी महिलाओं के लिए माहवारी के दौरान वैतनिक अवकाश के अधिकार के प्रावधान वाला मासिक धर्म अवकाश और स्वच्छता विधेयक पेश किया।

कांग्रेस सांसद के. काव्या ने भी इसी विषय पर एक गैर-सरकारी विधेयक प्रस्तुत किया।

भाजपा के गणेश सिंह ने उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही में हिंदी भाषा के इस्तेमाल के प्रस्ताव वाला विधेयक उच्चतम न्यायालय (कार्यवाही और अन्य प्रावधानों में हिंदी का उपयोग) विधेयक, 2024 पेश किया।

इनके अलावा कई अन्य सदस्यों ने भी अपने गैर-सरकारी विधेयक पेश किए।

लोकसभा में शुक्रवार को गैर-सरकारी कामकाज के तहत सदस्य अपने निजी विधेयक और संकल्प प्रस्तुत करते हैं।

भाषा

सुभाष वैभव

वैभव