यौन उत्पीड़न मामला: न्यायालय ने आईसीसी की कार्यवाही पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

यौन उत्पीड़न मामला: न्यायालय ने आईसीसी की कार्यवाही पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

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  • Publish Date - October 22, 2021 / 08:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

चेन्नई, 22 अक्टूबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व में गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के समक्ष यौन उत्पीड़न के एक मामले में निलंबित विशेष डीजीपी के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही पर यथास्थिति बनाए रखने का शुक्रवार को आदेश दिया।

राज्य सरकार ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी मामले को खींचने के लिए हथकंडा अपना रहे हैं।

न्यायमूर्ति सी सरवनन ने समिति की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली आरोपी की एक रिट याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए चार सप्ताह के लिए अस्थायी राहत प्रदान की। साथ ही न्यायाधीश ने सरकार को तब तक जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया।

इस साल 22 फरवरी को एक महिला आईपीएस अधिकारी की शिकायत के बाद, जिसका निलंबित विशेष डीजीपी द्वारा कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया गया था, आरोपों की जांच के लिए आईसीसी का गठन किया गया था। दूसरा आरोपी चेंगलपट्टू के तत्कालीन एसपी डी कन्नन थे, जिन्होंने उस दिन महिला अधिकारी को डीजीपी के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए चेन्नई जाने से कथित तौर पर रोका था। कन्नन को भी निलंबित कर दिया गया था।

अधिकारी ने अपनी रिट याचिका में आरोप लगाया, ‘‘आईसीसी के दो सदस्य उनके प्रति पक्षपाती थे। समिति ने उचित और निष्पक्ष तरीके से जांच किए बिना आठ अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।’’

उन्होंने अदालत से आईसीसी द्वारा अब तक की गई कार्यवाही को रद्द करने और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उचित जांच का आदेश देने का अनुरोध किया था।

उन्होंने दावा किया, ‘‘ज्यादातर गवाह शिकायतकर्ता के अधीनस्थ थे और वे स्वतंत्र रूप से अपनी गवाही नहीं दे सकते थे। इसलिए उन्होंने शिकायतकर्ता को किसी अन्य स्थान पर भेजे जाने का अनुरोध। लेकिन, इस अनुरोध पर भी विचार नहीं किया गया।’’

भाषा देवेंद्र पवनेश

पवनेश