यूनेस्को की महत्वपूर्ण बैठक के बीच लाल किला में ‘शाहजहां’ की वापसी

यूनेस्को की महत्वपूर्ण बैठक के बीच लाल किला में ‘शाहजहां’ की वापसी

यूनेस्को की महत्वपूर्ण बैठक के बीच लाल किला में ‘शाहजहां’ की वापसी
Modified Date: December 9, 2025 / 03:38 pm IST
Published Date: December 9, 2025 3:38 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को की मौजूदा महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी कर रहा है और ऐन मौके पर ‘शाहजहां’ प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए इस मुगलकालीन महल परिसर में ‘वापस’ आ गए हैं।

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दरअसल, हम प्रसिद्ध बादशाह के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि पुराने विमान बोइंग 747 – जंबो जेट के आकर्षक मॉडल के बारे में बात कर रहे हैं, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है। यह विमान कभी एअर इंडिया के प्रतिष्ठित ‘महाराजा’ बेड़े का हिस्सा था।

इसे ब्रिटिशकालीन बैरक के सामने प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है, जिसमें एक नई दीर्घा है। इस दीर्घा में एअर इंडिया के ‘महाराजा संग्रह’ से ली गई कुछ अमूल्य कलाकृतियां और वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।

भारत में पहली बार आयोजित हो रहे यूनेस्को सम्मेलन के उपलक्ष्य में दो पुराने बैरकों – ‘ए1’ और ‘ए2’ में लगभग 300 वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें प्राचीन मूर्तियां, चोल कांस्य, मुगल लघु कला, कलमकारी कलाकृतियां, समकालीन चित्र और कई प्रतिष्ठित पुराने ‘एअर इंडिया’ पोस्टर शामिल हैं।

इन दोनों बैरकों की दीर्घाओं का संयोजन दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) द्वारा किया गया है, जिसके पास अब वह संग्रह है जो पहले मुंबई के नरीमन प्वाइंट पर ऐतिहासिक एअर इंडिया भवन में रखा हुआ था।

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा हेतु अंतर-सरकारी समिति (आईसीएच) का 20वां सत्र आठ से 13 दिसंबर तक लाल किले में आयोजित किया जा रहा है।

इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर विचार-विमर्श में भाग लेने के लिए सैकड़ों प्रतिनिधि एकत्रित हुए हैं। भारत ने इस अवसर पर अपनी समृद्ध मूर्त और अमूर्त विरासत का प्रदर्शन किया है।

केंद्रीय संस्कृति सचिव विवेक अग्रवाल ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘लाल किला परिसर में चार नई दीर्घाएं स्थापित की गई हैं। इनमें से दो में एअर इंडिया के निजीकरण के बाद हमें एअर इंडिया संग्रह से जो कलाकृतियां मिलीं, उन्हें प्रदर्शित किया गया हैं।’’

उन्होंने बताया कि हथियारों और शस्त्रागारों पर आधारित एक दीर्घा राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि चौथी दीर्घा लाल किला परिसर में खुदाई से प्राप्त या वहां से प्राप्त पुरातात्विक वस्तुओं पर आधारित है।

भाषा

राजकुमार पवनेश

पवनेश


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