नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि संसद परिसर से महात्मा गांधी, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और कुछ अन्य महापुरुषों की प्रतिमाएं एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने का मकसद यही था कि संसद भवन के ठीक सामने ऐसा कोई प्रमुख स्थल नहीं हो, जहां सांसद लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन कर सकें।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए लोकसभा सचिवालय की ओर से परिपत्र जारी किए जाने का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में संविधान सदन (पुरानी संसद) के सामने ‘प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन करेंगे।
उन्होंने लोकसभा सचिवालय के परिपत्र को साझा करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस स्थानांतरण और इसे एक भव्य नाम देने का पूरा विचार यह सुनिश्चित करना है कि महात्मा गांधी और आंबेडकर की मूर्तियां संसद भवन के ठीक सामने किसी प्रमुख स्थान पर न हों, जहां सांसद आवश्यकता पड़ने पर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन कर सकें।’’
रमेश ने कहा कि मोदी सरकार में सांसदों को विरोध जताने की आवश्यकता प्रतिदिन पड़ती है।
भाषा हक हक दिलीप
दिलीप