बीएसएफ को लेकर केन्द्र के फैसले के खिलाफ शिअद का प्रदर्शन, बादल को हिरासत में लिया गया

बीएसएफ को लेकर केन्द्र के फैसले के खिलाफ शिअद का प्रदर्शन, बादल को हिरासत में लिया गया

  •  
  • Publish Date - October 14, 2021 / 07:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

चंडीगढ़, 14 अक्टूबर (भाषा) पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ बृहस्पतिवार को यहां शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल समेत कुछ नेताओं को पुलिस ने उस समय थोड़ी देर के लिए हिरासत में ले लिया, जब उन्होंने राज्यपाल के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

शिअद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बादल और राजभवन के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल कुछ पार्टी समर्थकों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की।

पुलिस ने कहा कि शिअद नेताओं और समर्थकों को उस समय कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया, जब वे गवर्नर हाउस की ओर मार्च कर रहे थे।

हालांकि, शिअद ने एक बयान में कहा कि बादल को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बस में बिठाकर सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन कर बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में 11 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की।

बीएसएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘इससे सीमा पार से होने वाले और गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल तथा असम में 50 किलोमीटर के दायरे तक अपराधों पर अंकुश लगाने में बल की अभियानगत क्षमता में वृद्धि होगी।’’

पंजाब की सीमा पाकिस्तान से लगती है।

पार्टी नेताओं बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा के साथ मौजूद बादल ने कहा कि अकाली पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मिलना चाहते हैं और उन्हें अवगत कराना चाहते हैं कि केंद्र का ”संघीय ढांचे पर हमले” का कदम ठीक नहीं है।

बादल ने धरना स्थल पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया, ”इस आदेश के माध्यम से, अमृतसर शहर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का और लगभग आधा पंजाब उनके (बीएसएफ) दायरे में आ जाएगा। कानून और व्यवस्था अंततः केंद्र के अधीन आ जाएगी।”

भाषा जोहेब नरेश

नरेश