त्रिपुरा में बंद से आदिवासी इलाकों में जनजीवन प्रभावित

त्रिपुरा में बंद से आदिवासी इलाकों में जनजीवन प्रभावित

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  • Publish Date - September 30, 2023 / 03:03 PM IST,
    Updated On - September 30, 2023 / 03:03 PM IST

अगरतला, 30 सितंबर (भाषा) त्रिपुरा के मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा के 12 घंटे के बंद के आह्वान की वजह से शनिवार को राज्य के आदिवासी इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ।

आदिवासियों की समस्याओं के शीघ्र संवैधानिक समाधान की मांग को लेकर टिपरा मोथा ने बंद का आह्वान किया है। पार्टी, त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) में सत्ता में है।

टीटीएएडीसी इलाकों में सभी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान और दुकानें बंद रहीं, जबकि असम-अगरतला राष्ट्रीय राजमार्ग सहित मुख्य सड़कों पर वाहन नदारद रहे क्योंकि बंद के समर्थकों ने कई मुख्य जगहों पर सड़कों की नाकेबंदी कर रखी थी।

बंद की वजह से ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई, जबकि लंबी दूरी वाली बसें भी सड़कों पर नहीं दिखीं। हालांकि, अगरतला से उड़ानों का परिचालन सामान्य रहा।

अगरतला और राज्य के अन्य गैर आदिवासी इलाकों में दुकानें, बाजार और कार्यालय खुले रहे।

सहायक महानिरीक्षक (एआईजी-कानून-व्यवस्था) ज्योतिषमान दास चौधरी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”स्वायत्त जिला परिषद इलाकों में बंद शांतिपूर्ण रहा और बंद समर्थकों ने 70-80 स्थानों पर सड़कों को अवरूद्ध कर रखा है। अभी तक कहीं से भी किसी भी प्रकार की हिंसा की कोई खबर नहीं है।”

टिपरा मोथा के वरिष्ठ नेता जगदीश देबबर्मा ने पश्चिम त्रिपुरा जिले में चंद्रासादु पाड़ा में संवाददाताओं को बताया, ”स्वायत्त जिला परिषद इलाकों में 12 घंटे का बंद सफल और शांतिपूर्ण रहा। गैर परिषद वाले इलाकों में भी सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई। किसी भी ट्रेन को स्वायत्त जिला परिषद इलाकों से होकर गुजरने की इजाजत नहीं दी गई।”

टीटीएएडीसी के अध्यक्ष देबबर्मा ने कहा कि टिपरा मोथा ने आदिवासी लोगों की समस्याओं के शीघ्र संवैधानिक समाधान के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते बंद का आह्वान किया था।

उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार, टीटीएएडीसी क्षेत्रों के साथ गैर-टीटीएएडीसी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को शामिल कर ग्रेटर टिपरालैंड का गठन करे।”

भाषा जितेंद्र सुभाष

सुभाष