सिद्धरमैया ने ईवीएम के बजाय मतपत्र से स्थानीय निकाय चुनाव कराने के फैसले का बचाव किया
सिद्धरमैया ने ईवीएम के बजाय मतपत्र से स्थानीय निकाय चुनाव कराने के फैसले का बचाव किया
कोप्पल, छह सितंबर (भाषा)कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्र से स्थानीय निकाय चुनाव कराने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव करते हुए शनिवार को सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इससे भयभीत क्यों है।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) से राज्य में भविष्य में होने वाले सभी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों से कराने की सिफारिश करने का फैसला किया।
सिद्धरमैया ने सवाल किया, ‘‘क्या मतपत्र का इस्तेमाल करने वाले अन्य देश पाषाण युग में लौट गए हैं? क्या अमेरिका और अन्य उन्नत देश पाषाण युग में लौट गए हैं? वे (भाजपा) मतपत्र से क्यों डरते हैं?’’
वह भाजपा द्वारा उनकी सरकार के मतपत्र का उपयोग करने के निर्णय की तुलना ‘पाषाण युग’ में वापसी से करने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
सिद्धरमैया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”यह कहना ठीक नहीं है कि मतपत्र के उपयोग से हम पाषाण युग में लौट जाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, ”हम अपने अनुभव के आधार पर कह रहे हैं कि चुनावों में बहुत अन्याय हो रहा है। मतदाता सूची को लेकर कई समस्याएं हैं। राहुल गांधी (कांग्रेस नेता) बिहार में इसके खिलाफ लड़ रहे हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस किस तरह से हारी थी।”
सरकार ने मतपत्र पर वापस लौटने के निर्णय के पीछे कारण बताया है कि ईवीएम को लेकर लोगों के बीच विश्वास और विश्वसनीयता में गिरावट आई है।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश

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