मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच शिवकुमार के बाद सिद्धरमैया ने की खरगे से मुलाकात

मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच शिवकुमार के बाद सिद्धरमैया ने की खरगे से मुलाकात

मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच शिवकुमार के बाद सिद्धरमैया ने की खरगे से मुलाकात
Modified Date: November 17, 2025 / 08:29 pm IST
Published Date: November 17, 2025 8:29 pm IST

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के बीच सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।

कांग्रेस नेताओं ने इसे एक शिष्टाचार मुलाकात बताया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सिद्धरमैया ने राज्य से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा की।

इससे पहले, उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी।

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शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ अपनी मुलाकात को कोई खास तवज्जो नहीं दी थी।

पार्टी अध्यक्ष से अपनी मुलाकात का ब्योरा साझा करने से परहेज करते हुए शिवकुमार ने कहा था, ‘अगर पार्टी है, तो हम सब हैं।’

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार नवंबर में ढाई साल पूरे करने जा रही है, जिसे कुछ लोग ‘‘नवंबर क्रांति’’ कह रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ हुए ‘ढाई साल’ के कथित समझौते के अनुरूप शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की अटकलें तेज़ हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगर कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंज़ूरी देता है, तो यह संकेत होगा कि मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे शिवकुमार के इस पद पर पहुंचने की संभावनाएं कम हो जाएंगी।

खरगे से अपनी मुलाक़ात के बारे में पूछे गए सवालों पर शिवकुमार ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा था, ‘पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना स्वाभाविक है। इसमें कोई ख़ास बात नहीं है। पार्टी कार्यालयों के उद्घाटन जैसे कुछ पार्टी संबंधी मामले थे, साथ ही कुछ ट्रस्ट से जुड़े मामले भी थे। इसके अलावा और कुछ नहीं था।’

मंत्रिमंडल में फेरबदल और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच इस मुलाक़ात के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने बस इतना कहा था, ‘कुछ नहीं… अगर पार्टी है, तो हम सब हैं।’

भाषा हक

हक दिलीप

दिलीप


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