मतदाता सूचियों की शुद्धता के लिए एसआईआर जरूरी, कांग्रेस के शासन में कई बार हुई: मेघवाल

मतदाता सूचियों की शुद्धता के लिए एसआईआर जरूरी, कांग्रेस के शासन में कई बार हुई: मेघवाल

मतदाता सूचियों की शुद्धता के लिए एसआईआर जरूरी, कांग्रेस के शासन में कई बार हुई: मेघवाल
Modified Date: December 9, 2025 / 07:17 pm IST
Published Date: December 9, 2025 7:17 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मतदाता सूचियों की शुद्धता के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की जरूरत बताते हुए मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में छह से सात बार यह प्रक्रिया लागू की गई थी।

मेघवाल ने लोकसभा में ‘चुनाव सुधारों पर चर्चा’ में कहा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर ने ‘एक व्यक्ति, एक वोट, एक मूल्य’ का सिद्धांत प्रतिपादित किया था और आज उसी के आधार पर एसआईआर की जा रही है जिसके अनुसार पात्र मतदाता रहें और अपात्र लोगों के नाम हट जाएं।

मेघवाल ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए आयोग समय-समय पर एसआईआर करता है। मुझे समझ में नहीं आता कि इसमें किसी को क्यों आपत्ति होनी चाहिए। काग्रेस के समय कितनी बार एसआईआर हुई। वो करें तो ठीक, हम करें तो खराब। यह कैसा विरोधाभास है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदाता सूचियों की शुद्धता और अखंडता बनाये रखना आवश्यक है। इसके लिए समय-समय पर गहन पुनरीक्षण और समरी (संक्षिप्त) पुनरीक्षण किये जाते हैं और दोहरी प्रविष्टि हटाकर पारदर्शिता लाई जाती है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों के लोग निर्वाचन आयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं, लेकिन यहां उसके खिलाफ बोलते हैं। उन्होंने कहा कि यह कैसा विरोधाभास है।

मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के समय छह से सात बार एसआईआर की प्रक्रिया हुई है और आखिरी बार यह कवायद 2002 में हुई थी।

उन्होंने कहा कि पिछले लगभग दो दशक से अधिक समय में तेजी से शहरीकरण, शिक्षा और रोजगार के लिए पलायन एवं विस्थापन आदि के कारण इस प्रक्रिया की अब जरूरत समझी गई।

उन्होंने एसआईआर की आलोचना और विरोध के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘चुनावों में बार-बार हार ने विपक्ष को हताशा से भर दिया है। इनके पास कोई बहाना नहीं है इसलिए कभी ईवीएम में, कभी एसआईआर में इन्हें गड़बड़ी दिखती है। सच यह है कि इन्हें अपनी कमी नहीं दिखती। इसके चलते भारत की जनता ने इन्हें पूरी तरह नकार दिया है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इसके नेता चुनाव सुधारों को लेकर भाजपा पर आरोप लगाते हैं लेकिन विपक्षी दल के लोग आजादी के बाद से ही ‘वोट चोरी से बाज नहीं आए।’’

मेघवाल ने 1951 में बाबासाहेब आंबेडकर की चुनावी हार का जिक्र करते हुए दावा किया, ‘‘जिन्होंने संविधान बनाया, उन्हीं को कांग्रेस और उसके परिवार ने हरवा दिया।’’

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय रायबेरली का लोकसभा चुनाव ‘‘धांधली और वोट चोरी’’ का सबसे खराब उदाहरण है।

कानून मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा-शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ कानून का जिक्र करते हुए इसकी आलोचना की।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य चुनाव आयोग में नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित करना है। संविधान में भी लिखा है कि चुनाव आयुक्त को भी न्यायाधीश की तरह हटाना है, इसलिए हमने संशोधन किया।’’

मेघवाल ने यह भी कहा कि उच्चतम नयायालय ने हाल में कहा कि निर्वाचन आयोग को पूरे देश में मतदाता सूची की एसआईआर की प्रक्रिया संचालित करने का वैधानिक और संवैधानिक अधिकार है और शीर्ष अदालत ने कहा कि इसे रोका नहीं जाएगा।

उन्होंने ईवीएम में खामी के विपक्षी दलों के सदस्यों के आरोपों पर कहा, ‘‘आप चुनाव जीत जाएं तो ईवीएम ठीक, हम जीतें तो ईवीएम खराब।’’

भाषा वैभव सुभाष

सुभाष


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